मैनपुरी में कलयुगी बेटों ने मां को छह माह अंधेरी कोठरी में कैद रखा, बुजुर्ग पीड़िता की आपबीती सुनकर सबकी आंखें नम

मैनपुरी में कलयुगी बेटों ने मां को छह माह अंधेरी कोठरी में कैद रखा, बुजुर्ग पीड़िता की आपबीती सुनकर सबकी आंखें नम
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यह घटना मैनपुरी के भोगांव थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत आलीपुर खेड़ा के गांव नगला इतवारी की है। बुजुर्ग सोमवती की आपबीती ग्रामीणों ने सुनी तो उनकी आंखें नम हो गईं। ग्राम प्रधान संत प्रकाश ने इस पूरे मामले की सूचना पुलिस को दे दी है।

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ऐसा मामले सामने आया है, जिसे जानने के बाद औलाद पर से भरोसा ही पूरी तरह टूट जाएगा। यहां दो कलयुगी बेटों ने अपनी बुजुर्ग मां को छह माह तक अंधेरी कोठरी में बांधकर रखा। अगर ग्राम प्रधान को इसकी भनक नहीं लगती तो शायद कभी बाहर ही नहीं निकल पाती। पीड़िता ने रोते हुए आपबीती सुनाई तो सुनने वाले की हर आंख नम हो गई। उधर, आरोपी बेटे अपने बचाव में ऐसा बयान दे रहे हैं, जिसकी जांच अब पुलिस ही करेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैनपुरी के आलीपुर खेड़ा के नगला इतवारी निवासी 70 वर्षीय सोमवती को पिछले छह माह से अंधेरी कोठरी में कैद रखा गया था। ग्राम प्रधान संत प्रकाश स्वर्णकार का कहना है कि सोमवती के पति का देहांत हो चुका है। उन्हें जानकारी मिली थी कि बुजुर्ग सोमवती को अंधेरी कोठरी में रखा गया है। जब मौके पर पहुंचे तो अंधेरी कोठरी में गंदगी और मल बिखरा पड़ा मिला। इतनी ज्यादा दुर्गंध थी कि अंदर जाना भी आसान नहीं था। किसी तरह भीतर गए तो सोमवती निढाल हालत में मिली। उसे कमरे से बाहर लेकर आए तो उसकी आंखें भी बंद हो गई क्योंकि वो तेज प्रकाश ही बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उन्होंने कहा कि सोमवती ने अपनी इस हालत के लिए अपने दोनों बेटों पर जिम्मेदार ठहराया। इस पर दोनों बेटों को बुलाया गया तो वो अजीब दलीलें देने लगे।

मानसिक रूप से कमजोर बताया

ग्राम प्रधान का कहना है कि सोमवती का बेटा चंद्रशेखर कुछ दूरी पर झोपड़ी डालकर वहीं रहता है और दूसरा बेटा छविनाथ गांव के भीतर घर बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहा है। जब दोनों को बुलाया तो कहा कि उनकी मां सोमवती मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। वो कहीं भी चली जाती थी और उन्हें बड़ी मुश्किल से ढूंढते थे। एक बार तो वो बोरिंग में भी गिर गई थी। इसलिए उन्हें मजबूरी में अपनी मां को कैद में रखना पड़ा।

दलीलें समझ से बाहर

सोमवती से मुक्त होने पर जिस तरह आपबीती बताई उसे सुनकर कोई भरोसा नहीं कर रहे कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रही होगी। सोमवती ने यह भी बताया कि उन्हें बस सूखी रोटी ही मिलती थी। शौच भी कमरे में करनी पड़ती थी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सोमवती की हालत ठीक नहीं थी तो भी उसका इलाज कराना चाहिए था। ग्राम प्रधान संत प्रकाश ने बताया कि हमने इस पूरी घटना के बारे में जानकारी पुलिस को दे दी है। पुलिस अब सच और झूठ की जांच करेगी। संबंधित पुलिस का कहना है कि एक टीम को जानकारी के लिए भेजा जा रहा है। शिकायत मिलते ही आरोपी बेटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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