UP : अलीगढ़ में सामने आई स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कोरोना मुआवजा लिस्ट में जीवित महिला को घोषित किया मृत

UP : अलीगढ़ में सामने आई स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कोरोना मुआवजा लिस्ट में जीवित महिला को घोषित किया मृत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) से स्वास्थ्य विभाग की बडीलापरवाही सामने आई है। जहां एक जीवित महिला को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मुआवजा सूची (Corona Compensation List) में मृत घोषित कर दिया।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) से स्वास्थ्य विभाग की बडीलापरवाही सामने आई है। जहां एक जीवित महिला को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मुआवजा सूची (Corona Compensation List) में मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद अब विवाद शुरू हो गया है। मुआवजा सूची में महिला का नाम भी शामिल था। इस पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का कहना है कि गलती की वजह से ऐसा हुआ है और अब इसे ठीक कर लिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने एक जीवित महिला शकुंतला देवी (hakuntala Devi) को मृत बताकर उसकी मौत कोरोना से बताकर मुआवजा सूची में उसका नाम शामिल कर लिया है। महिला के परिजन व परिजनों का कहना है कि जब महिला जीवित है तो मुआवजा क्यों लें। एक दूसरे मामले में कोरोना से जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसके परिजनों को मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसके लिए परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई है।

अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र के मेलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी व पुत्र हेमंत चौधरी ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके पास फोन आ रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर में शकुंतला देवी की मौत हो गई है। वह उन्हें बता रहा है कि शकुंतला देवी जीवित हैं। फोन करने वाले कह रहे हैं कि आप लोग कागजी कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में संपर्क करें। हेमंत का कहना है कि मुआवजा लेने से मना करने पर फोन पर बताया गया कि अगर आप हस्ताक्षर करते हैं तो आपके खाते में 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।

सरकार ने मुआवजे की राशि एक लाख रुपये निर्धारित की है। यानी 20 हजार रुपये किसी और की जेब में जाएंगे। हेमंत का कहना है कि उनकी मां का इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ था और वह ठीक हो गई हैं। पीड़ित का कहना है कि मुझे दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ था और दस दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा, मुझे मेरी मौत के बारे में पता चला जब स्वास्थ्य अधिकारियों (health authorities) ने परिवार के सदस्यों को सत्यापन के लिए बुलाया और मुआवजा लेने के लिए कहा।

अलीगढ़ के नोडल कोविड-19 सैंपलिंग राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जिले के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अप्रैल-मई माह में जानलेवा वायरस की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 (covid-19) से मरने वालों की सूची तैयार की थी। तत्कालीन सीएमओ ने अनजाने में पीड़िता शकुंतला देवी का नाम सूची में जोड़ दिया। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमें अपनी गलती का अहसास हो गया है और उसे सुधार लिया है। अब हमने उनका नाम मुआवजा सूची से हटा दिया है।

मामला तब सामने आया जब वर्तमान सीएमओ डॉ आनंद ने स्वास्थ्य अधिकारियों (Health Officials) को निर्देश दिया कि वे पीड़ित परिवार के प्रत्येक सदस्य को फोन करें और संबंधित स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय से मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये लेने के लिए कहें। जिले में कोरोना मृतकों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का कहना है कि कोरोना काल में कोविड-19 से मरने वालों की सूची तैयार कर ली गई है और इसमें 106 लोग हैं। उन्हें सरकार की ओर से 50000 रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। हालांकि पहले 108 लोगों की सूची तैयार की गई थी और शकुंतला देवी जैसे दो मामलों के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया है और 106 मृतकों को नई सूची में शामिल किया गया है।

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