UP Block Pramukh Election : यूपी में सत्ता और विपक्ष के बीच फिर दिखेगी चुनावी जंग, 10 जुलाई को होगा ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव, जानिये किसका पलड़ा भारी

UP Block Pramukh Election : यूपी में सत्ता और विपक्ष के बीच फिर दिखेगी चुनावी जंग, 10 जुलाई को होगा ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव, जानिये किसका पलड़ा भारी
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राज्य के 825 ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के लिए दस जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। इसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव 2021 का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। राज्य में इस चुनाव के लिए आठ जुलाई को नामांकन होंगे, जबकि दस जुलाई को मतदान और मतगणना कराई जाएगी। यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव में बीजेपी के हाथों कड़ी मात खाने वाला विपक्ष इस चुनाव में अपनी धमाकेदार वापसी की तैयारी कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के 825 ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के लिए आठ जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन होगा। इसके अगले दिन 9 जुलाई को नामांकन वापस लिया जा सकेगा, जबकि दस जुलाई को मतदान कराया जाएगा। मतदान की प्रक्रिया सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगी। इसके तुरंत बाद मतगणना शुरू करा दी जाएगी और इसी दिन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

भाजपा और सपा सक्रिय, कांग्रेस का रूख ठंडा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली बीजेपी का ब्लॉक प्रमुख चुनावों को लेकर भी उत्साह बना है। बीजेपी ने इस चुनाव के लिए दावेदारों के नाम मांगे हैं। वहीं सपा ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में हार के कारणों पर मंथन करने के साथ ही ब्लॉक प्रमुख चुनाव में जीतने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हालांकि कांग्रेस का रूख अभी ठंडा दिखाई दे रहा है। खबरों की मानें तो कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का पूरा ध्यान अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी निर्देशित किया है कि वो अपना पूरा फोकस मिशन 2022 पर फोकस करें।

बीजेपी का पूरा ध्यान किसानों पर

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने 75 में से 65 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि दो सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें मिली हैं। जयंत चौधरी की रालोद पार्टी की बात करें तो प्रतापगढ़ से महज एक सीट पर ही जीत मिली है। यूपी भाजपा ने अपने नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों को भी निर्देशित किया है कि वे किसानों से संपर्क बढ़ाएं और उनसे जुड़ी समस्याओं का निदान करें। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि किसान आंदोलन में विपक्ष ने जिस तरह से राज्य और केंद्र सरकार की छवि धुमिल की है, उससे यूपी भाजपा चुनाव आने से पहले पूरी तरह से मुक्ति पा लेना चाहती है। यही कारण है कि बीजेपी ब्लॉक अध्यक्ष पद का चुनाव भी पूरी संजिदगी से लड़ने की रणनीति बना रही है।

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