UP Budget 2023: अखिलेश यादव ने UP बजट को बताया दिशाहीन, शिवपाल बोले- एक बार फिर छलावा

UP Budget 2023: अखिलेश यादव ने UP बजट को बताया दिशाहीन, शिवपाल बोले- एक बार फिर छलावा
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यूपी सरकार ने आज बुधवार को बजट पेश किया। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह बजट दिशाहीन है। जानें सीएम योगी और शिवपाल यादव ने क्या कहा

UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश का बजट आज बुधवार को पेश किया गया। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ भी की। सुरेश खन्ना ने कहा कि, सुधर गई कानून-व्यवस्था, उद्योगों की अलख जगी, यूपी बना ग्रोथ का इंजन, यह सब पहली दफा समझ, फकत किनारे बैठे-बैठे, लहरों से मत सवाल कर, डूब के खुद गहरे पानी में, पानी का फलसफा समझ। बजट पेश से पहले सदन में जय श्री राम के नारे लग रहे थे। यूपी बजट को लेकर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

यूपी बजट पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव ने कहा कि ये दिशाहीन बजट दिखाई पड़ता है। मुझे ऐसा लगता है कि ये सरकार 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी कभी नहीं बना पाएगी। प्रदेश में इज ऑफ डूइंग क्राइम है, इज ऑफ डूइंग मुकदमा है। राज्य में गाना गाने पर मुकदमा हो रहा है। इसके अलावा जातीय जनगणना के लिए कोई बजट नहीं है।

सीएम योगी की बजट पर प्रतिक्रिया

यूपी सीएम ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष का बजट प्रस्तुत करने के लिए यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं वित्त विभाग की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई। यह बजट यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस बजट में लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए कुल 130 वादे में से 110 वादों को शामिल किया गया है। यह बजट 2023-24 आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को प्रस्तुत करने वाला है। यूपी का बजट सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की दिशा में पेश किया गया है। यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप है। इससे समाज के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं के हितों की पूर्ति होने वाली है।

बजट पर शिवपाल यादव की प्रतिक्रिया

बजट पेश से पहले सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा था कि यह बजट मुकम्मल छलावा होगा। जब बजट पेश हो गया तो उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि आज का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम!


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