UP Election 2022: बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी बागी! अखिलेश यादव से मिले, जानिये यह मुलाकात कितनी फायदेमंद?

UP Election 2022: बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी बागी! अखिलेश यादव से मिले, जानिये यह मुलाकात कितनी फायदेमंद?
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उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ कैंट की हॉट सीट है। सांसद रीता बहुगुणा चाहती थीं कि उनके बेटे मयंक जोशी को बीजेपी से टिकट मिले, लेकिन तमाम प्रयास असफल रहे। अब मयंक जोशी ने बड़ा फैसला किया है। पढ़िये यह रिपोर्ट...

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रयागराज (Prayagraj) लोकसभा सीट से सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के बेटे मयंक जोशी (Mayank Joshi) ने लखनऊ की सियासत (Lucknow Politics) तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022)के चौथे चरण का मतदान शुरू होने से चंद घंटे पहले ही उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की। करीब एक घंटे चली बातचीत को शिष्टाचार मुलाकात बताई हैं। हालांकि जानकार बताते हैं कि इसका सीधा असर ब्राह्मण वोट बैंक पर पड़ सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी लखनऊ में लखनऊ कैंट हॉट सीट है। प्रयागराज से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा चाहती थीं कि उनके बेटे मयंक जोशी को इसी सीट से टिकट दिया जाए। उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की और कहा कि उनका बेटा 12 साल से सामाजिक कार्यों में है। अगर चाहते हैं कि एक परिवार से दो सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकते तो वो 2024 से चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने इस्तीफा देने की भी पेशकेश की। बावजूद इसके उनका प्रयास सफल साबित नहीं हुआ।

बीजेपी की ओर से लखनऊ कैंट पर बृजेश पाठक को टिकट दे दिया गया। इसके बाद से रीता बहुगुणा चुनाव प्रचार से दूर रहे। लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि मयंक जोशी भी किसी अन्य दल में शामिल हो सकते हैं। कल यानी मंगलवार को मयंक जोशी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे। अखिलेश यादव ने करीब एक घंटे चली बातचीत के बाद कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी, लेकिन सियासत में हलचल तेज है।

बता दें कि लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाता ज्यादा संख्या में है। इनमें उत्तराखंड के लोग ज्यादा हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मयंक जोशी के जाने से वोट बैंक भी खिसक सकता है। दरअसल, रीता बहुगुणा लखनऊ कैंट से दो बार विधायक रह चुकी हैं। 2012 में कांग्रेस टिकट से इस सीट पर विधायक बनी और 2017 से बीजेपी से प्रत्याशी बनकर जीतीं। 2019 में प्रयागराज से लोकसभा चुनाव लड़ी और सांसद बन गईं, जिसके बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उपचुनाव हुआ तो बीजेपी से सुरेश तिवारी विधायक बने। अब मयंक जोशी के सपा के घेमे में दिखाई देना सियासत अटकलों को भी तेज कर रहा है।

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