UP Election 2022 : आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने ईवीएम खराब होने की वजह बताई, किसानों को वोटिंग करने का तरीका भी समझाया

UP Election 2022 : आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने ईवीएम खराब होने की वजह बताई, किसानों को वोटिंग करने का तरीका भी समझाया
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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की मतदान प्रक्रिया के लिए कई बूथों पर ईवीएम मशीन खराब होने की शिकायतें सामने आईं। इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग को भी शिकायत भेजी है। अब जयंत चौधरी ने भी ईवीएम मशीनों की खराबी की अहम वजह बताई है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के प्रथम चरण की मतदान प्रक्रिया (First Phase Voting) के लिए सुबह 11 बजे तक 20.03 फीसद मतदान हुआ है। मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं ताकि अपनी पसंद की पार्टी सत्ता पर काबिज हो सके। हालांकि कई बूथों पर ईवीएम मशीन खराब (EVM Malfunctioning ) होने की शिकायतें भी सामने आईं, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बीजेपी (BJP) पर आरोप लगाए तो वहीं भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) को भी शिकायत भेजी है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली राष्ट्रीय लोकदल पार्टी (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने ईवीएम खराब रहने की अहम वजह बताई है।

आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ' EVM की ख़राब होने की शिकायतें आ रहीं हैं। लगता है युवा और किसान पूरे ग़ुस्से में बटन दबा रहे हैं!! आपसे निवेदन है इतने ज़ोर से नहीं, गठबंधन के पक्ष में प्यार से बटन दबाएं!!'

बता दें कि जयंत चौधरी और अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेता किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पर शुरू से हमलावर रहे हैं। जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने तो यहां तक कहा था कि पश्चिम उत्तर प्रदेश का क्षेत्र किसानों का है, जो किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में नहीं आने देगा।

इसके अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और बसपा प्रमुख मायावती भी किसानों के आंदोलन को लेकर बीजेपी पर लगातार हमलावर हैं। लखीमपुर खीरी में किसानों के कुचले जाने की घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम मोदी तक हमले साधे जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को कल दिए इंटरव्यू में इस घटना पर भी बयान दिया था।

उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जो कमेटी बनाना चाहती थी, राज्य सरकार ने सहमति दी। जिस जज के नेतृत्व में जांच चाहती थी, सरकार ने सहमति दी। राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है तभी सुप्रीम कोर्ट की इच्छा के अनुसार सारे निर्णय करती है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनका उद्देश्य किसानों के हित में काम करने का है। यह सब सामने वक्त के साथ सामने आ जाएगा।

बता दें कि पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Kumar Mishra) के एक बयान से नाराज किसान टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे ताकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर सकें। इस दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। जिसमें उनके बेटे को भी आरोपी बनाया गया है।

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