यूपी के किसान मुखर, टिकैत ने 'दिल्ली पुलिस' के जवानों को कही ये बड़ी बात...

यूपी के किसान मुखर, टिकैत ने दिल्ली पुलिस के जवानों को कही ये बड़ी बात...
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भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि जब तक मोदी सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, तब तक किसान अपने घर जाने वाले नहीं हैं। टिकैत ने अपने ट्वीट में पुलिस के जवानों को 'रे मेरे बेटों' कहकर अपना संदेश दिया है।

केंद्र की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन दोबारा जोड़ पकड़ गया है। विशेषकर यूपी में जिस तरह से किसान महापंचायत में लोगों की भारी भीड़ जुटी, उससे दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान नेताओं को भी खासी ताकत मिली है। यही कारण है कि इस विवाद का हल बातचीत से निकालने की गुहार के बाद अब दो टूक कहा जा रहा है कि तीनों कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि किसान तब तक घर नहीं जाएंगे, जब तक तीनों काले कानूनों की वापसी नहीं हो जाती।

नरेश टिकैत ने मंगलवार को दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में कहा, 'कीलें, कंटीले तार से रास्ते रोककर अगर सरकार को लगता है कि वो किसानों के आंदोलन को कमजोर कर देगी तो यो वहम मन से निकाल दो। गाजीपुर आकर तो देखो सरकार जी, भीड़ हर दिन ज्यादा ही होती जा रही है, अब जब तक आप इन कानूनों को वापस नहीं लेते किसान यहां से जाने का नहीं।

इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, जिसमें 'दिल्ली पुलिस' के जवानों को संदेश दिया गया। नरेश टिकैत ने कहा, 'रे पुलिस के मेरे बेटों, तुम भी किसान के घर के बच्चे हो। क्या तुम्हें सच में लगता है कि इन तलवारों, कीलों, कंटीले तारों और लाठियों के खिलौनों से अपने किसान पिताओं को डरा लोगे? इस देश के जवान-किसान को लड़वाके सरकार बहुत गलत परंपरा शुरू कर रही है।' बता दें कि टिकैत ने अपने ट्वीट में दिल्ली पुलिस का नाम नहीं लिया है, लेकिन जिस तस्वीर को शेयर किया है, उसमें दिल्ली पुलिस के ही जवान दिखाई दे रहे हैँ।

किसान खूंटा गाड़ के बैठ गए

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने भी केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, आम जनता को किसान नहीं, सरकार परेशान करने पर तुली है। अगर सरकार को ये लगता है कि ये सब करके वो किसानों की ताकत और आवाज़ को दबा देगी तो ये उसका भ्रम है। कीलें गाड़ने वाले सुन लें, किसान खूंटा गाड़ के बैठ गया है, इब यो न उखड़ने वाला।'

यूपी के किसान मुखर

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद आंदोलन कमजोर पड़ने लगा था। हिंसा को देख किसान भी इतने दुखी हो गए थे कि उन्होंने घर की राह पकड़ ली थी। माना जा रहा था कि किसान आंदोलन बस खत्म होने ही वाला है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत की रोते हुए तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद विशेषकर यूपी से किसान दोबारा उठ खड़े हुए। यूपी में मुजफ्फरनगर, बागपत और बिजनौर में किसान महापंचायतें हुईँ, जिसमें भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। यूपी के किसान नेताओं का दावा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर अभी कुछ ही साथी पहुंचे हैं। जब भी इशारा मिलेगा, यहां के किसान दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

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