ट्रैक्टर रैली में जान गंवाने वाले नवरीत का रामपुर में हुआ अंतिम संस्कार, प्रशासन का दावा- मौत की वजह बुलेट नहीं

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बीच अपनी जान गंवा देने वाले युवक नवरीत सिंह के शव का बुधवार को उसके पैतृक गांव रामपुर जिले के टिब्बा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। नवरीत की मौत से जहां उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं आसपास के क्षेत्र में भी मातम पसरा है। मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत गोली लगने से हुई है। वहीं पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहीं भी गोली लगने का उल्लेख नहीं है।
रामपुर जिला के डिबडिबा गांव निवासी नवरीत सिंह की दो साल पहले ही शादी हुई थी। वह अपनी पत्नी के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहता है, लेकिन कुछ समय पहले ही भारत आया था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक नवरीत सिंह किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए जब दिल्ली आया था तो उसने अपने परिवार को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। नवरीत यह कहकर घर से निकला था कि वह अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा है। परिजनों को मंगलवार शाम को पता चला कि दिल्ली में उसकी मौत हो गई है।
देर रात पहुंचा शव
नवरीत की मौत की सूचना मिलते ही उसके घर में मातम पसर गया। देर रात पुलिस बंदोबस्त में नवरीत का शव गांव पहुंचाया गया। नवरीत को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास से भारी संख्या में किसान उनके घर पहुंचे। सभी ने नम आंखों से नवरीत को अंतिम विदाई दी। नवरीत के पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे की मौत गोली लगने से हुई है। जिलाधिकारी आंजनेय कुमार ने मीडिया को बताया कि नवरीत की मौत गोली लगने से नहीं हुई है। उसके सिर पर न तो कोई गोली लगी है और न ही कोई गोली छूकर निकली है। पोस्टमार्टम में मौत का कारण सिर पर चोट लगना बताया गया है।
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