सीएम योगी के नाम से आया संदिग्ध कोरियर, जांच एजेंसियों को बताए बिना दबाया मामला, अब मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई बार जान से मार देने की धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन अब ऐसी लापरवाही सामने आई है, जिसने सीएम की सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में सीएम योगी के नाम से एक संदिग्ध कूरियर आया, लेकिन जांच एजेंसियों को बताने की बजाय इस मामले को दबा दिया गया। मिशन न्यू इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि चाणक्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी को पत्र लिखकर मामले की एसआइटी जांच कराने की मांग की।
रवि चाणक्य का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से 8 अक्टूबर 2020 को लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में संदिग्ध पार्सल आया था। आरोप के मुताबिक इस पार्सल को सचिवालय के ही एक मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने दबा दिया था। पार्सल पर न तो किसी का नाम लिखा था और न ही पता। ऐसे में पार्सल के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों और जांच एजेंसियों को बताया जाना जरूरी था, लेकिन इस अधिकारी ने अपने स्तर पर ही मामला दबा दिया। ऐसे में पता ही नहीं चल पाया कि पार्सल में क्या था और इसे भेजने के पीछे किसी का क्या उद्देश्य था। रवि चाणक्य ने मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की तो मामला सामने आया।
हरकत में आया प्रशासन
मामला सामने आने के बाद अब इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस महानिदेशक से इस पर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से भी जांच करने को कहा गया है। बता दें कि सीएम योगी को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। करीब दो सप्ताह पहले ही यूपी 112 के वाट्सअप नंबर पर धमकी का मैसेज मिला था। मैसेज भेजने वाले ने कहा कि मुख्यमंत्री को 24 घंटे के अंदर AK 47 से उड़ा दूंगा। अगर खोज सकते हो तो मुझे खोज के दिखाओ। 21 मई, 2020 को मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। हालांकि आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन संदिग्ध पार्सल की जांच के बिना मामला दबा देना मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
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