UP : ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए योगी सरकार सख्त, जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश

UP : ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए योगी सरकार सख्त, जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश
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देश भर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (New Variants Omicron) का खतरा लगातार बढ़ता जा है। इसी को देखते हुए केंद्र और सभी राज्य सरकारों ने अपनी-अपनी तैयारियां में जुट गयी हैं।

देश भर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (New Variants Omicron) का खतरा लगातार बढ़ता जा है। इसी को देखते हुए केंद्र और सभी राज्य सरकारों ने अपनी-अपनी तैयारियां में जुट गयी हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi government) ने संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारी तेज कर ली है।

जिला और प्रखंड स्तर पर अब तक की गई तैयारियों और सक्रियता को जांचने के लिए सभी जिलों की कोविड प्रबंधन इकाइयों में 17 व 18 दिसंबर को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है। इस दौरान बच्चों में कोविड संक्रमण (covid Infection) के प्रबंधन की भी जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने तैयारियों की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल (Mock Drill) कराने के निर्देश दिए थे।

कोविड की दूसरी लहर के दौरान और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए काफी काम किया गया है। ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant), वेंटिलेटर (Ventilator), बेड (Bed), आईसीयू और पीकू निकू वार्ड (ICU and Piku Niku Ward) बनाया गया है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर जिला स्तरीय अस्पतालों से लेकर सीएचसी और पीएचसी तक तैयार किया जा रहा है।

जिस तेजी से कोरोना का नया रूप ओमाइक्रोन फैल रहा है, उससे तीसरी लहर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने सतर्कता बढ़ा दी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को सभी संभागीय आयुक्तों, डीएम, चिकित्सा स्वास्थ्य के अतिरिक्त निदेशकों, सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश जारी किए हैं।

सभी चिन्हित कोविड प्रबंधन इकाइयों के रोस्टर में सूचीबद्ध सभी चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल कर्मियों तथा राज्य एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों को अनिवार्य रूप से मॉक ड्रिल में भाग लेना है। राज्य स्तर पर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक होने वाले मॉक ड्रिल के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। प्रत्येक ब्लॉक की निगरानी एक अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा की जाएगी।

इसमें WHO के प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा। सभी अधिकारी नए संस्करण और ऑक्सीजन संयंत्रों के कामकाज के लिए चल रही निगरानी गतिविधियों की भी निगरानी करेंगे। मॉक ड्रिल के बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी गतिविधियों एवं चिन्हित कमियों की समीक्षा की जायेगी। राज्य स्तर से भी 14 दिसंबर को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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