स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर अखिलेश यादव ने जताई नाराजगी, कही ये बड़ी बात

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में आ गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं, इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से उनकी ही पार्टी के नेताओं ने भी विरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक मौर्य के बयान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) ने भी नाराजगी जताई है। वहीं अखिलेश ने पार्टी के नेताओं से फोन पर भी बात की है।
वहीं, पार्टी ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया है। इस पर सपा नेता रविदास मेहरोत्रा (Ravidas Mehrotra) ने बयान जारी कर कहा कि यह स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है। गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ''रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में अगर जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर समाज के किसी वर्ग का अपमान किया गया है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है। यह 'अधर्म' है, जो न केवल भाजपा को बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है।
मौर्य ने कहा था, "रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।'' उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं।
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