Vikas Dubey Encounter: 3 दिनों में 6 ऑडियो टेप वायरल, ममेरे भाई की पत्नी को गिरफ्तार करने की तैयारी, जानें मामला

Vikas Dubey Encounter: 3 दिनों में 6 ऑडियो टेप वायरल, ममेरे भाई की पत्नी को गिरफ्तार करने की तैयारी, जानें मामला
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कानपुर मुठभेड़ कांड को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है खबर है कि विकास दुबे एक गिरफ्तारी मामले में अब ममेरे भाई शशिकांत की पत्नी पिंकी को भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।

कानपुर मुठभेड़ कांड को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है खबर है कि विकास दुबे एक गिरफ्तारी मामले में अब ममेरे भाई शशिकांत की पत्नी पिंकी को भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। इसको लेकर पुलिस तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते 3 दिनों में ऑडियो टेप सामने आए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस शशिकांत की पत्नी पिंकी को पुलिस घटना का आरोपी बनाया जा सकता है। जिस दिन पुलिस और विकास दुबे गैंग के बीच मुठभेड़ हुई थी।

6 ऑडियो टेप वायरल

मिली जानकारी के मुताबिक, पिंकी के 3 दिनों में 6 ऑडियो टेप सामने आए हैं और सभी में वह किसी न किसी घटना के बारे में जानकारी देती हुई नजर आ रही है। ऐसे में पुलिस उसे गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है और जल्दी जेल भेज भेजेगी।

शक्तिकांत के पत्नी पिंकी को भेजा जाएगा जेल

पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यह घटना के दौरान के हैं। वह चाहती तो पुलिस को पहले सूचना देकर घटना रोक सकती थी। पर ऐसा नहीं किया। पुलिस ने कहा कि इन 6 ऑडियो टेप के फॉरेंसिक लैब में जांच करवाई जाएगी और उसके बाद ही आरोपी पिंकी को गिरफ्तार किया जाएगा।

पुलिस ने जानकारी दी है कि जांच में सामने आया है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा को मरवाने में पिंकी का हाथ हो सकता है। क्योंकि घटना के दौरान पिंकी नहीं बताया कि पिछली दीवार फांद कर अंदर घुसे तो एक महिला चीखने की आवाज आई। कह रही थी कि पुलिस वाला यहां है। ऐसे में कई सबूत भी और हाथ लगे हैं।

पिंकी को नहीं बनाया जाएगा गवाह, पुलिस के पास है कई सबूत

पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि पिंकी को सरकारी गवाह नहीं बनाया जा सकता है। सरकारी गवाह वहां बनाए जाते हैं जहां पर पुलिस के पास कोई गवाह हो। जबकि पुलिस के पास सबूत है और यह जो ऑडियो टेप सामने आए हैं। इनके आधार पर कार्रवाई होगी साथ ही पुलिस कोर्ट में सबूतों के साथ पहुंची है। पुलिस ने साफ कहा कि सरकारी गवाह ना बनाकर उसे आरोपित किया जाएगा और जांच की जाएगी कि इस षड्यंत्र में उसका कितना हाथ था।

ये था पूरा मामला

बीती 2 जुलाई को कानपुर के बिकरु गांव में पुलिस और विकास दुबे गैंग के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने कुख्यात बदमाश विकास दुबे की छापेमारी की और 3 राज्यों में 100 जगहों पर छापेमारी की। लेकिन विकास दुबे नहीं मिला।

इस दौरान पुलिस ने कई रिश्तेदार और उसके साथी मुठभेड़ में मारे गए। पुलिस ने 8 दिन के अंदर 5 लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया। इसमें विकास दुबे भी शामिल है। पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया था और इसके बाद उसे कानपुर लाए जा रहा था।

लेकिन सुबह के वक्त कानपुर टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर दूर पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें विकास दुबे बैठा था। विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और सरेंडर के लिए कहा लेकिन उसने इनकार किया। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

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