Vikas Dubey Encounter: यूपी पुलिस ने विकास दुबे को दिया था आत्मसमर्पण का मौका

कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी पुलिस ने आत्मसमर्पण का मौका दिया था लेकिन वो पुलिस के साथ लुकाछुपी का खेल खेलता रहा। गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस गिरफ्तार कर पुछताछ करना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम कानपुर लेकर आ रही थी, लेकिन शुक्रवार सुबह रास्ते में ही पुलिस की गाड़ी पलटी और उसने भागने की कोशिश की, जिसके बाद एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई।
गुरुवार 9 जुलाई को सुबह करीब 9.30 बजे विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया। जानकारी के मुताबिक विकास ने मंदिर के गार्ड को अपना नाम बताया, जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने ही उससे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। जानकारी के मुताबिक, उसने खुलासा किया था कि वो शवों को जलाना चाहता था। इस बीच कानपुर में यूपी पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस ने ऋचा से पूछताछ की।
उज्जैन में विकास दुबे पर किसी तरह का कोई केस न होने के कारण और कानपुर एसएसपी के आग्रह पर उसे शाम में ही यूपी पुलिस की एसटीएफ की टीम के हवाले कर दिया गया, जो शाम में ही वहां पहुंची थी। इसके बाद एसटीएफ की टीम एक बड़े काफिले के साथ उसे लेकर सड़क मार्ग से ही उज्जैन से कानपुर के लिए रवाना हो गई। शुक्रवार 10 जुलाई सुबह करीब साढ़े 6 बजे विकास दुबे को लेकर आ रही एसटीएफ की टीम ने कानपुर की सीमा में प्रवेश किया। जानकारी के मुताबिक उसे किसी अज्ञात जगह पर ले जाकर पूछताछ करनी थी औऱ फिर 10 बजे कोर्ट में पेश करना था।
करीब 7:25 बजे एसटीएफ की वो गाड़ी रास्ते में ही पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था। जानकारी के मुताबिक इस दौरान उसने बचकर भागने की कोशिश की और पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हो गई। उसे गोली भी लगी। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब 7:45 बजे इस कुख्यात गैंगस्टर की मौत हो गई।
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