बरसाना के बाद आज नंदगांव में खेली जा रही लठ्ठमार होली, जानिये क्या है अंतर

बरसाना के बाद आज नंदगांव में खेली जा रही लठ्ठमार होली, जानिये क्या है अंतर
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मान्यता है कि इस दिन सभी महिलाओं में राधा रानी की छवि का वास होता है। ऐसे में हुरियारों के पास लाठियों की बौछार से बचने के लिए एक ढाल रहती है। हुरियारों को केवल गुलाल उड़ाकर बचना होता है।

राधारानी की नगरी बरसाने के बाद आज नंदगांव में लठ्ठमार होली खेली जा रही है। नंद गांव की हरियारिनें सज धजकर बरसाने से आए हुरियारों के साथ लठ्ठमार होली खेल खेल रही हैं। हवा में चारों ओर गुलाल उड़ रहा है। सब ओर भगवान राधा कृष्ण के प्रेम का खुमार छाया है।

ब्रज की होली अपनी अनूठी और अनोखी परंपराओं के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। फाल्गुन शुक्ल नवमी को बरसाना में नंद गांव के हुरियारों (पुरुष) और बरसाना की हुरियारिनों (महिलाएं) के बीच बीते मंगलवार को लठ्ठमार होली खेली गई थी। आज फाल्गुन शुक्ल दशमी पर नंदगांव में लठ्ठमार होली खेली जा रही है। कल जहां बरसाना गांव की हुरियारिनों ने नंदगांव से आए हरियारों पर लठ्ठ बरसाए थे, वहीं आज नंदगांव की हरियारिनें बरसाना से आए हुरियारों से लठ्ठमार होली खेल रही हैं।

मान्यता है कि इस दिन सभी महिलाओं में राधा रानी की छवि का वास होता है। ऐसे में हुरियारों के पास लाठियों की बौछार से बचने के लिए एक ढाल रहती है। हुरियारों को केवल गुलाल उड़ाकर बचना होता है। पकड़े जाने पर उन्हें लाठियों की मार पड़ती है, जिसे मुस्कुराते हुए सहन करते हैं।

बता दें कि 25 मार्च को यानी कल मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और मथुरा के ही श्रीद्वारकाधीश मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी। इसी दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी होली का आयोजन किया जाएगा। फूलों की होली और रंगभरनी होली भी दुनियाभर में मशहूर है।

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