योगी आदित्यनाथ के तिलक तराजू वाली बात पर मायावती ने दिया जवाब, बोली - बीजेपी राम राज्य की सिर्फ बातें करती है उस पर अमल नहीं करती

योगी आदित्यनाथ के तिलक तराजू वाली बात पर मायावती ने दिया जवाब, बोली - बीजेपी राम राज्य की सिर्फ बातें करती है उस पर अमल नहीं करती
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग तिलक-तराजू के नाम पर जहर घोलते थे, अब वही लोग राम-राम परशुराम जप रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को ये नहीं पता कि राम और परशुराम में कोई अंतर नहीं है।

उत्तरप्रदेश विधानसभा के मानसूस सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टी पर खुल कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तिलक-तराजू के नाम पर जहर घोलने वाले आज राम-राम कहते नजर आ रहे हैं। वहीं इस बात पर मायावती ने योगी आदित्यनाथ को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि बीएसपी ने तिलक-तराजू वाली बातें कभी की ही नहीं।

योगी आदित्यनाथ ने साधा निशाना

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग तिलक-तराजू के नाम पर जहर घोलते थे, अब वही लोग राम-राम परशुराम जप रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को ये नहीं पता कि राम और परशुराम में कोई अंतर नहीं है। ये सिर्फ उनकी समझ का फेर हैं।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही लोगों के मन की कुंठा बाहर आने लगी है। उन्होंने कहा कि लोग राम परशुराम में अंतर करते हैं। वो शायद नहीं जानते कि राम और परशुराम दोनों भगवान विष्णु के अवतार हैं।

मायावती ने दिया जवाब

मायावती ने कहा कि बीजेपी द्वारा केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है और न ही उन्हें जुल्म-ज्यादती से निजात ही मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है, जिसपर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है।

उन्होंने कहा कि खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दुःखी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर व बीएसपी में जुड़ते हुये देखकर इन्हें यह कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं। लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा।

उन्होंने कहा कि जबकि जग-जाहिर तौर पर तिलक, तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कही और ना ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर कभी शौचालय बनाने की भी बात कही है। ये सब घृणित आरोप विरोधियों नेे केवल बीएसपी को नुकसान पहुँचाने के लिए इन्हें जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है, जो अति-निन्दनीय।

उन्होंने कहा कि यदि इस आरोप में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या में मन्त्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती? वैसे यह समाज सब कुछ जानता है। वे बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे। पार्टी को इनपर पूरा भरोसा।


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