किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार का अहम फैसला, पराली के बदले देगी रुपये

किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार का अहम फैसला, पराली के बदले देगी रुपये
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बहराइच के रिसिया में कृषि अपशिष्टों से बायोकोल उत्पदान करने वाले संयंत्र का फर्स्ट ट्रायल पूरा होने के बाद अन्य जिलों में भी कुल पांच संयंत्र लगाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों की आय में इजाफा करने की दिशा में अहम फैसला लिया है। खास बात है कि योगी सरकार का यह फैसला किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। दरअसल, प्रदेश सरकार ने किसानों को पराली अवशेषों के बदले रुपयों का भुगतान करने का फैसला किया है। ऐसे में किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए किसानों से पराली के अवशेषों की खरीद भी शुरू हो चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर बहराइच के रिसिया में कृषि अपशिष्टों से बायोकोल उत्पदान इकाई की स्थापना की गई थी। प्रदेश के इस तरह के पहले संयंत्र का ट्रायल पूरा होने के बाद पांच अन्य जिलों में भी ऐसे संयंत्र लगाने की योजना है। बहराइच के संयंत्र के लिए तो किसानों से कृषि अपशिष्टों जैसे कि धान का पुआल, गन्ने की पत्ती, मुक्के का ठंडल आदि की खरीद भी शुरू हो चुकी है। अब तक किसानों से करीब 10 हजार क्विंटल कृषि अपशिष्ट खरीदे जा चुके हैं। प्रदेश सरकार का दावा है कि जैसे-जैसे संयंत्रों की संख्या बढ़ेगी, कृषि अपशिष्टों की खरीद में भी बढ़ोतरी होती जाएगी।

ऐसे होगा कृषि अपशिष्टों का इस्तेमाल

बायोमास ब्रिकेट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राम रतन अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश में करीब 200 इकाइयां हैं, जो फैक्ट्री कचरे से बिक्रेट बना रही हैं। बिक्रेट का इस्तेमाल ईंट भट्ठों में होता है, लेकिन परेशानी यह है कि इसे ब्वायलर में नहीं जलाया जा सकता। कृषि अवशेषों से पैलेट्स बनाकर इनका उपयोग किया जा सकता है। इसे कोयले के साथ मिलाकर जलाने से भी कोई नुकसान नहीं होता। उन्होंने बताया कि इसी तरह का संयत्र लगाने के लिए शाहजहांपुर से दो, पीलीभीत से एक, फैजाबाद से एक, बस्ती से एक और गोरखपुर से भी एक प्रस्ताव आया है।

यह है अवशेष की दर

गन्ने की पत्ती की बेल (गांठ) डेढ़ रुपए प्रति किलो

सरसों की डंठल (तूड़ी) दो रुपए प्रति किलो

मक्का डंठल डेढ़ रुपए प्रति किलो

पराली (धान पुआल) बेल डेढ़ रुपए प्रति किलो

गेहूं का निष्प्रयोज्य अवशेष डेढ़ रुपए किलो

अरहर स्टैक (झकरा) तीन रुपए प्रति किलो

मसूर भूसा दो रुपए प्रति किलो

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