चार धाम यात्रा पर 39 तीर्थयात्रियों की मौत, श्रद्धालुओं को दी गई सरकार की तरफ से यह सलाह

चार धाम यात्रा पर 39 तीर्थयात्रियों की मौत, श्रद्धालुओं को दी गई सरकार की तरफ से यह सलाह
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चार धाम यात्रा मार्ग पर अब तक 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। मौत की वजही उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी समस्याएं और पर्वतीय बीमारी रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि 3 मई को चार धाम यात्रा शुरू हुई थी।

चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) मार्ग पर अब तक 39 तीर्थयात्रियों (Pilgrims) की मौत हो चुकी है। मौत की वजह उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), हृदय (Heart) संबंधी समस्याएं और पर्वतीय बीमारी (Mountain Sickness) रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट ने बताया कि 3 मई को चार धाम यात्रा शुरू हुई थी। अभी तक 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। चिकित्सकीय रूप से अयोग्य तीर्थयात्रियों (medically unfit pilgrims) को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।


खासतौर से बुजुर्ग श्रद्धालुओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार (Uttrakhand Goverment) और स्वास्थ्य विभाग ((Health Department) चिंतित है। इस संबंध में दिशा—निर्देश भी जारी किए गए हैं। मंदिरों आने वाले लोगों की भीड़ को भी निर्धारित किया गया है। अधिकतम श्रद्धालुओं की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गई है। सरकार की तरफ से जारी की गई गाइड़लाइन के मुताबिक, 2700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री (Kedarnath, Badrinath, Gangotri and Yamunotri) में श्रद्धालुओं को अधिक ठंड(Cold), कम आर्द्रता(Low Humidity), अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण, कम ऑक्सीजन(low oxygen) की वजह से दिक्कत हो सकती है। ऐसे में श्रद्धालु हेल्थ चेकअप के बाद ही यात्रा की सलाह दी जा रही है।

साथ ही किसी को पहले से कोई बीमारी है तो ऐसे लोगों को मेडिकल (Medical) परीक्षण की पर्ची दवाएं और डॉक्टर का नंबर रखने को कहा गया है। हॉर्ट और सांस रोग, डायबीटिज (Diabetes) आदि रोगियों को ऊंचाई वाले एरिया में विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है। जारी किए गए दिशा—निर्देशों में कहा गया है कि चक्कर, सिर दर्द, दिल की धड़कन तेज होने, हाथ—पांव व होठों का नीला, खांसी होना आदि पर तुंरत अस्पताल पहुंचने की सलाह दी गई है। साथ ही 104 नंबर पर कॉल कर संपर्क करने को कहा गया है।

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