यमुनोत्री धाम की यात्रा अब पैदल नहीं उड़कर भी कर सकेंगे पूरी, धामी सरकार ने श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा

यमुनोत्री धाम की यात्रा अब पैदल नहीं उड़कर भी कर सकेंगे पूरी, धामी सरकार ने श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा
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उत्तराखंड सरकार ने यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को एक बड़ा तोहफा दिया है, जिसके चलते अब श्रद्धालु कुछ ही समय में यमुनोत्री धाम की पांच किलोमीटर वाली यात्रा पूरी कर सकेगें।

देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर ऑनलाइन पंजीकरण कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको लेकर उत्तराखंड सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा भी की जा चुकी है। इसी बीच सरकार ने यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को एक बड़ा तोहफा दिया है, जिसके चलते अब श्रद्धालु कुछ ही समय में यमुनोत्री धाम की पांच किलोमीटर वाली यात्रा पूरी कर सकेगें।

एमओयू साइन

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यमुनोत्री धाम की यात्रा हमारे राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण यात्रा है। इसके मान्यता देश-दुनिया में है। इसके साथ ही इस यात्रा को करने के लिए दुनियाभर से श्रद्धालू आते हैं। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम की यात्रा बहुत ही कठिन है जिसे आसान बनाने के लिए बहुत से कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सरकार ने यमुनोत्री रोपवे के लिए आज 167 करोड़ रुपये के समझौते कन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किया है, ताकि पर्यटकों को यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई समस्या का सामना न करना पड़े।

पर्यटकों और यात्रियों को मिलेगी राहत

सीएम धामी ने कहा कि इस रोपवे से अब यात्रा की दूरी और समय काफी कम जाएगा, जो कि पर्यटकों और यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा और मुझे उम्मीद है कि ये प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। सीएम ने कहा कि इससे उन सभी पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को लाभ होगा जो यमुनोत्री धाम का यात्रा करते हैं।

कठिन यात्रा होगी अब और आसान

यमुनोत्री धाम का मंदिर समुद्र तल से लगभग 3300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चार धाम यात्रा की शुरुआत यहीं से होती है। सभी पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को करीब 5 किमी की पद यात्रा करनी पड़ती है। यहां अधिक ऊंचाई के वजह से ऑक्सीजन का लेवल काफी कम होता है। सरकार ने इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए रोपवे बनाने का प्रस्ताव रखा है।

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