बाल मित्र पुलिस थाना शुरू, भटके बच्चों को सही दिशा पर लाने के लिए करेगा काम: त्रिवेंद्र रावत

Child Friend Police Station: उत्तराखंड के परिजनों के लिए एक बड़ी ही खुशखबरी की खबर सामने आ रही है। अब राज्य में दिशा से भटक गए बच्चों को सही दिशा में लाने के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि इसके लिए उत्तराखंड के सभी जिलों में बाल मित्र थाने खुलने जा रहे हैं। वहीं इसकी शुरुआत उत्तराखंड के देहरादून जिले में पहला बाल मित्र थाना शुरू हो जाने के साथ ही हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून में राज्य के पहले बाल मित्र थाने का शुभारम्भ किया है। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस मौके पर बच्चों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ रुपये के राहत कोष का भी ऐलान किया है।
उत्तराखंड CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून में राज्य के पहले बाल मित्र थाने का शुभारम्भ किया है। CM ने बच्चों की सुरक्षा के लिए 1 करोड़ के राहत कोष की घोषणा की है। उत्तराखण्ड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सभी जिलों में बाल मित्र पुलिस थाना खोला जाएगा। pic.twitter.com/vX29EqObeF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2021
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम रावत ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस का यह एक बहुत ही अहम सुधारात्मक कदम होगा। सीएम ने कहा कि अब बच्चों को जिस परिवेश में ढ़ालने की इच्छा होगी, उनकों उसी परिवेश में ढ़ाल दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि इसको लेकर बच्चों को बेहतर माहौल भी उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बाल मित्र पुलिस थानों के बारे में जनता में सकारात्मक संदेश जाना चाहिए। उनको बाल थाना पुलिस कर्मियों को देखकर ये महसूस होना चाहिए कि बच्चों के परिजन आ रहे हैं। सीएम ने कहा कि जो बच्चे किसी भी वजह से राह से भटक जाते हैं तो इन थानों की मदद से ऐसे बच्चों को आसानी से राह पर लाया जा सकेगा। वहीं सीएम ने बताया कि राज्य में दिव्यांगजनों के लिए चार फीसदी और निराश्रित बच्चों के लिए सरकारी सेवाओं में पांच प्रतिशत रिजर्वेशन की व्यवस्था की गई है।
इस मौके पर उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि राज्य के सभी 13 जिलों में पुलिस की मदद से इस तरह के बाल मित्र पुलिस थानों की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन बाल मित्र थानों में बच्चों की काउंसलिग कराने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। नेगी ने कहा कि इस सुविधा का इंतजाम करने के लिए राज्य पुलिस 13 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस मौके पर राज्य पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाल मित्र पुलिस थाने की राज्य में एक नई कवायद शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि राज्य में प्रत्येक पुलिस स्टेशन को चाइल्ड और महिला फ्रेंडली बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बाल मित्र थाने के माध्यम से 'बच्चों में जो पुलिस के प्रति डर बना रहता' उसको दूर करने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑपरेशन 'मुक्ति' के माध्यम से करीब दो हजार दो 200 बच्चों की पहचान की गई है। ऐसे बच्चों को भीख मांगने के प्रचलन से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'भीख नहीं शिक्षा दो'के अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारी मुहिम की वजह से विभिन्न ऐसे बच्चे आज स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहें हैं।
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