ट्रैकिंग के दौरान दिल्ली की अनीता की मौत, परिवार ने जानें के लिए किया था मना

उत्तराखंड (Uttarakhand) में पिछले दिनों अचानक मौसम (Mausam) बदला जिससे वहां पर भारी बारिश (Heavy rain) हुई। इस बारिश से वहां पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। अधिक पानी बरसने से वजह वहां पर कई लोगों की मौत हो गई। उसी दौरान उत्तराखंड से हिमाचल के चितकुल के लिए 11 लोगों का एक जत्था ट्रेकिंग (tracking) के लिए निकला था। उस जत्थे में ही दिल्ली (Delhi) की 38 साल की अनीता रावत भी शामिल थीं। 18 से 19 अक्तूबर के बीच मौसम खराब होने से अधिक बर्फबारी हुई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। इसमें अनीता रावत भी शामिल थीं। वहीं दो लोग गंभीर हालत में मिले थे। उन्हें तुरंत इलाज के लिए भेजा गया था। वहीं जत्थे में शामिल दो लोगों का अभी पता नहीं लग पाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अनीता रावत घर से उत्तराखंड के लिए निकलीं थी तो उनके घर वालों ने उन्हें ट्रेकिंग पर जानें के लिए मना किया था। लेकिन वो नहीं मानीं, उन्होंने कहा कि ये मेरा साल का आखिरी ट्रैक होगा। परिवार की मानें तो वे हाल ही में मोरी-संकरी से ट्रैकिंग कर लौटी थीं। लेकिन ये अनीता की आखिरी ट्रैकिंग साबित हुई। उसके पिता ने शिकायत की अगर बचाव अभियान जल्दी शुरू किया जाता तो ट्रैकर्स को बचाया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की मदद से रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
बता दें कि अनीता रावत एक प्राइवेट अस्पताल में डेंटिस्ट की नौकरी छोडऩे के बाद अपने पिता के बेकरी के कारोबार में हाथ बंटा रही थीं। उनके पिता ने बताया कि वो बहुत होनहार थी। वो मेरे बेकरी के पूरे कारोबार का संभालती थी। वहीं उनका कहना है कि उसको ट्रैकिंग का बहुत शौक था। अकसर वो ट्रैकिंग पर जाती रहती थी।
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