MP News: प्रभुराम चौधरी बोले-महाराज का ऐसा अपमान भला कैसे बर्दाश्त कर लेते?

MP News: भोपाल, पूर्ववर्ती सरकार में क्या खेल हुआ, जिसके कारण समीक्षा कर कार्रवाई की बात हो रही है, मैं तो अभी सरकार में नहीं हूं। जो हैं वह इस बारे में ज्यादा बेहतर बता पाएंगे, लेकिन कांग्रेस सरकार में कुछ न कुछ तो कमी होगी, यदि सब कुछ ठीक-ठाक होता तो हमें बाहर होने की आवश्यकता नहीं थी। इन्होंने किसानों की कर्जमाफी भी पूरी नहीं की और भी कई मुद्दे थे, किसानों और युवाओं के मुद्दे थे, जिन्हे अनदेखा किया गया। यह कहना है आगामी उपचुनाव में सांची (रायसेन) सीट से भाजपा के प्रत्याशी माने जाने वाले और सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी का। उन्होंने 'हरिभूमि' के सहयोगी न्यूज चैनल 'आईएनएच' के खास कार्यक्रम 'अदालत में बागी' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से बातचीत में ये बातें कही।
सवाल : सांची सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र की विधानसभा नहीं, फिर क्यों इस्तीफा दिया?
जवाब : सिंधिया के चेहरे को देखकर लोगों ने वोट दिया। उन्हें सीएम नहीं बनाया। युवाओं और आमजनता में निराशा थी। उन्होंने जो मुद्दे उठाए, उन्हें अनदेखा किया गया। जब बात की तो कहा कि सड़क पर उतर जाओ। इस प्रकार की सभी स्थिति को देखकर सिंधिया जी और उनके समर्थकों ने इस्तीफा दिया।
सवाल : कांग्रेस ने कभी नहीं कहा सिंधिया को सीएम बनाएंगे, कमलनाथ का बनना क्यों बर्दाश्त नहीं कर पाए?
जवाब : ठीक है वो सीएम नहीं बने ये अलग बात है, पर जो वचन रखे थे उसको अनदेखा किया गया। अपमानित करने पर उतर आए, कहा सड़क पर उतर जाओ, अगर आप मानते हैं कि प्रदेश में सरकार बनाने में सिंधिया जी की भागीदारी थी तो क्या उनके साथ ऐसा व्यवहार होना चाहिए था।
सवाल : कांग्रेस ने कौन सा वादा पूरा नहीं किया, दावा तो 200 वादे पूरा करने का किया जा रहा है?
जवाब : किसानों के कई वादे पूरे नहीं किए। कर्जमाफी भी पूरी नहीं की गई। विकास और युवाओं के मुद्दों को अनदेखा किया गया। समस्याओं को अनदेखा किया और भी कई मुद्दे हैं।
सवाल : भाजपा ने कोई वचनबद्धता दी कि आपने जो जनता के साथ वादे किए, उन्हें हम पूरा करेंगे?
जवाब : हमने किसी शर्तों के आधार पर भाजपा ज्वॉइन नहीं की। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता का ध्यान रख रहे हैं। महामारी के कारण शपथ लेते ही वे वल्लभ भवन पहुंचे, अधिकारियों के साथ बैठक की। क्षेत्र की जनता का ख्याल रखा जा सके इसलिए पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया।
सवाल : फिर क्या मिलेगा आपको भाजपा में, आपने कौन सी शर्त रखी ?
जवाब : क्या मिलेगा या नहीं मिलेगा, ये सब चीजें नहीं होती हैं। बात यह है कि जनता की समस्या का निराकरण हो। हम जनता के मुद्दों को रखते आए हैं और आगे भी रखेंगे। निश्चित रूप से शिवराज सरकार सभी वर्गों के लिए काम करेगी।
सवाल : आपको बगावत करके आखिर मिला क्या, मंत्री पद गया, 3 महीने से पूर्व विधायक हैं?
जवाब : मैं हर काम अपने लिए नहीं करता हूं, क्षेत्र की जनता के लिए लड़ाई लड़ूंगा। महामारी का एक्सपेक्टेशन किसी ने नहीं किया था। लॉकडाउन के कारण सभी चीजें रूकी हुई हैं।
सवाल : क्या कारण है कि सिंधिया ने पहली सूची में आपको न लेकर सिलावट और गोविंद राजपूत का नाम आगे किया?
जवाब : आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जो भी होगा अच्छा होगा। जब कम संख्या में चयन करना होता है तो कोई न कोई छूटता है। अब ऐसा तो नहीं कि सब शामिल हो जाएं। ये किसी के मन में ऐसी बात नहीं आना चाहिए। अभी सिलावट-राजपूत मंत्री बने हैं तो वे मेरे भाई हैं, यदि मैं बनता तो मैं उनका भाई हूं।
सवाल : भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टी में क्या अंतर का आपने अनुभव किया?
जवाब : अभी दो माह हुए हैं। जब आगे समय आएगा तब बातचीत करेंगे। भाजपा अनुशासित पार्टी है। गरीब, जनहित का कार्य करने वाली विचारधारा की पार्टी है।
सवाल : सांची के भाजपाइयों को कितना अच्छा लगा आपके भाजपा में आने से?
जवाब : परिवर्तन होता है तो थोड़ा आश्चर्य तो लगता है। पर सब सामान्य हो जाएगा, अभी भी समय सामान्य है।
सवाल : गौरीशंकर शेजवार की क्या प्रतिक्रिया रही?
जवाब : वे भाजपा के वरिष्ठ नेता है, कई बार उन्होंने सांची का प्रतिनिधित्व किया है। उनके मार्गदर्शन में, उनके साथ मिलकर और अच्छा काम करेंगे।
सवाल : आपकी 15 महीने की क्या उपलब्धि रही, बतौर शिक्षा मंत्री क्या कुछ कर पाए?
जवाब : जब मंत्री थे तब भी और जब नहीं हूं तब भी जनता की समस्याओं के निराकरण के काफी प्रयास किए। जो कुछ नहीं कर पाए, उनको अब पूरा करेंगे। स्कूल शिक्षा में काफी कुछ करने का प्रयास किया। ऑनलाइन ट्रांसफर, संविलियन, 7वां वेतनमान लागू किया। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलवाया। 5वी और 8वी कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू करवाई।
सवाल : कांग्रेस सरकार में रहे आपके मंत्री साथी ही पैसा लेने का आरोप लगा रहे हैं?
जवाब : हमने मंत्री पद ही नहीं विधायक पद भी छोड़ा, सब कुछ छोड़कर भाजपा को ज्वॉइन किया, पाने के लिए नहीं किया। इस तरह के आरोप निराधार हैं। बेंगलुरु से लौटने जैसा कोई प्रस्ताव मेरे पास नहीं आया था। मैंने सभी निर्णय अपने स्वयं के विवेक से और अपने नेता के साथ लिए।
सवाल : सांची विधानसभा में सिंधिया की इतनी निर्भरता नहीं, फिर क्या वजह रही कि आप उनसे इतने प्रभावित हुए?
जवाब : मैं समझता हूं आप उनकी क्षमता, नेतृत्व का आंकलन कम कर रहे हैं। वे सिर्फ ग्वालियर-चंबल के नेता नहीं पूरे देश के नेता हैं, बहुत अच्छे नेता हैं। उनका देश में एक नाम है, लोग उन्हें जानते हैं। उनके पिता ने भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रभुराम चौधरी की सांची विधानसभा क्षेत्र के लोगों से अपील...
कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं और समय-समय पर हाथों को साबुन से धोएं। बहुत जरूरी हो तो ही घरों से निकलें, ताकि जल्द ही हम इस संकट से निकल पाएं। हम जनता के साथ हैं, सब मिलकर एक साथ विकास करेंगे।
देखिए बातचीत का वीडियो-
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