रायसेन : वन विभाग की लापरवाही, भूख-प्यास और गर्मी से तेंदुए की मौत

रायसेन : वन विभाग की लापरवाही, भूख-प्यास और गर्मी से तेंदुए की मौत
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तेंदुए की उम्र करीब नौ साल के आसपास होगी और वह काफी दुबला पतला था। पढ़िए पूरी खबर-

रायसेन। मध्यप्रदेश के जिले में संदिग्ध हालत में एक तेंदुए की मौत हो गई। रायसेन के वन विभाग की करोद बीट में स्थानीय लोगों ने मृत हालत में एक तेंदुआ पड़े होने की जानकारी वन विभाग को दी। जिसके बाद वन विभाग कमर्चारी उसे अमरावद नर्सरी लेकर आये, जहां वेटेनेरी डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने तेंदुए का पोस्टमार्टम किया। वैटनरी डॉक्टर ने पीएम के बाद प्रथमदृष्टया भूख प्यास एवं हीट स्ट्रोक से तेंदुए की मौत होना बताया।

डॉ. ने बताया कि तेंदुए की मौत प्रथम दृष्टया भूख, प्यास और लू से होना प्रतीत हो रहा है, उसकी आंतें पूरी तरह से खाली मिली हैं, इससे लगता है कि उसे लंबे समय से भोजन नहीं मिला है। साथ ही तेज गर्मी और लगातार भूखे प्यासे रहने से उसकी मौत हुई है। तेंदुए की उम्र करीब नौ साल के आसपास होगी और वह काफी दुबला पतला था। साथ ही वह लंगड़ा था।

वन विभाग के मुताबिक 15 दिन से मुरैल गांव के आसपास इस तेंदुए का मूवमेंट था। भीषण गर्मी में प्यास के कारण संरक्षित प्रजाति का एक तेंदुआ मारा गया जबकि इन जैसे जंगली जानवरों के लिए संरक्षित जंगल में हर 2 से 5 किलोमीटर के बीच सौसर(पानी के कृतिम कुंड) का निर्माण किया गया है। गर्मियों के दिनों में स्थानीय वनकर्मियों की इनमें पानी भरने जिम्मेदारी तय होती है। वन विभाग इसके लिए सालाना लाखों रुपए खर्च भी करता है। ताकि जंगलों में विचरण करने वाले यह जानवर प्यास से ना मर जाए।

इस मामले में डीएफओ का कहना है कि तेंदुए की मौत प्राकृतिक है।

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