जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, दहशत के साये में पूरा स्टाफ

उज्जैन। जिला अस्पताल द्वारा लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल कोरोना पॉजिटिव महिला का इलाज करने वाली जिला अस्पताल की टीम का 3 दिन बीत जाने के बाद भी मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ है। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद बिना सेनिटाइज़ किये अब उस बेड पर दूसरे मरीज़ों को भर्ती किया जा रहा है।
बीते शुक्रवार को दानी गेट निवासी 55 वर्षीय महिला लक्ष्मीबाई को शासकीय माधवनगर अस्पताल से आर डी गार्डी अस्पताल भेजा गया था, जहाँ आईसीयू में ताला लगा होने के कारण महिला को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया। आईसीयू में मौजूद स्टाफ ने ताला तोड़ा लेकिन महिला का इलाज शुरू हो पाता उसके पहले ही उसने दम तोड़ दिया। महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी।
जिस महिला की मौत आरडी गार्डी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती होने से पहले ही हो गई थी, उस महिला को गुरुवार को उज्जैन के जिला अस्पताल आईसीयू में बेड नम्बर 5 पर भर्ती किया गया था, जिस समय महिला को भर्ती किया गया उस समय उसके इलाज में जिला अस्पताल के मेडिकल टीम के लगभग 15 सदस्य उपस्थित थे। महिला की मौत के 2 दिन बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद दानी गेट क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि कोरोना पॉजिटिव महिला का इलाज कर रहे जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्स स्टाफ का मेडिकल ही नहीं कराया गया। तीन दिन बीतने के बाद भी अब तक मृत महिला का इलाज करने वाली जिला अस्पताल की टीम का मेडिकल चेकअप नहीं हो सका है।
अब पूरा स्टाफ कोरोना के डर के साये में ड्यूटी कर रहा है। हालांकि ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि- 'हमने अपने आला अधिकारियों को इसकी सूचना कर दी है।'
यहां एक बात और निकल कर आ रही है कि जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड के जिस बेड नम्बर 5 पर कोरोना पॉजिटिव महिला को भर्ती किया गया था उस बेड को बिना सेनिटाइज़ किये अब उस बेड पर अन्य मरीज़ों को भर्ती किया जा रहा है, जिससे जानलेवा संक्रमण के फ़ैलने का ख़तरा है।
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