सेंट्रल जेल में बड़ी लापरवाही, रिहाई का आदेश मिले बिना ही छोड़ दिया कैदी को, पता चला तो अधिकारियों के उड़े होश

सेंट्रल जेल में बड़ी लापरवाही, रिहाई का आदेश मिले बिना ही छोड़ दिया कैदी को, पता चला तो अधिकारियों के उड़े होश
X
मध्यप्रदेश के सतना सेंट्रल जेल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। यहां शाम के समय रिहाई के दौरान ऐसे कैदी को छोड़ दिया जिसकी रिहाई का आदेश न्यायालय ने दिया ही नहीं।

मध्यप्रदेश के सतना सेंट्रल जेल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। यहां शाम के समय रिहाई के दौरान ऐसे कैदी को छोड़ दिया जिसकी रिहाई का आदेश न्यायालय ने दिया ही नहीं। ​स्थानीय जेल प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही का मामला जब सामने आया तो जेल अधिकारियों के होश उड़ गए और आनन फानन में उस बंदी की तलाश शुरू कर दी। आपाधापी में जेल प्रशासन ने खोजबीन शुरू की और बंदी जितेंद्र नागर को पकड़कर वापस सेंट्रल जेल में ठूंस दिया। बता दें कुछ दिन पहले इसी जेल से 2 कैदियों द्वारा आत्महत्या करने की खबर सामने आई थी।

दरअसल, रासुका में बंद जितेंद्र नागर की 29 मई को पेशी थी। उसके कई मामले कोर्ट में विचाराधीन है। एक मामले में कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था। जब वह आदेश सेंट्रल जेल पहुंचा तो यहां मौजूद अधिकारियों ने आदेश की सूक्ष्मता में जांच नहीं की और उसे दोषमुक्त समझते हुए जेल से रिहा कर दिया। बाद में जब यह मामला न्यायालय के संज्ञान में आया और न्यायालय ने कहा कि उसे रिहा करने के आदेश नहीं दिए गया है तो अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और बंदी की तलाश शुरू कर दी।

जिसके बाद उसे उच्च न्यायालय परिसर से पकड़ लिया गया। अब गलती किसकी है इसकी जांच के लिए तमाम लिखा पढ़ी की जा रही है। इतनी बड़ी लापरवाही के बाद अब जेल मुख्यालय भोपाल के अधिकारी भी जांच में जुट गए हैं। वहीं मौजूदा जेल अधीक्षक इस पूरे मामले में मानवीय भूल की बात करते हुए कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। अभी तक किसी भी अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं माना गया है और ना ही किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।

बात यहीं खत्म नहीं होती सतना के सेंट्रल जेल में लापरवाही की पराकाष्ठा पर हो गयी है। यहां पर चित्रकूट में जुड़वा बच्चों का अपहरण और हत्या के मामले में बंद एक बंदी ने पहले मंदिर परिसर में फांसी में लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। उसके कुछ दिन बाद हाल ही में एक और सजायाफ्ता बंदी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। जेल की लापरवाही यहां पर समाप्त नहीं होती इस दौरान यहां पर एक कैदी को भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल बनी हुई टी-शर्ट पहना दी गई और मोबाइल फोन में उसका फोटो खींचकर वायरल कर दिया गया।

इस मामले में जेल के भीतर कई लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। बड़ा सवाल यह उठता है कि जब जेल के अंदर चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हुए हैं और मोबाइल फोन को जेल के अंदर ले जाना प्रतिबंधित है तो बंदी की फोटो किसने खींची और उसे टीशर्ट किसने बनाई। अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए कह रहे हैं कि इस मामले में कुछ लोगों को सस्पेंड किए जाने की सिफारिश जेल मुख्यालय भोपाल से की गई है।

बरहाल सतना सेंट्रल जेल में लगातार हो रही लापरवाही और मौतों केे सिलसिले के दौरान अब उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। जेल प्रशासन इसे भले ही महज एक इत्तेफाक मान रहा हैैैै। लेकिन जेल कानून के तहत अपने आप में यह एक बड़ी चूक और घटना है जिसे महज एक इत्तेफाक तो नहींं ठहराया जा सकता।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story