ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस तरह मना सकती है कांग्रेस

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ने की भनक जैसे ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ साथ कांग्रेस के बाकी नेताओं को लगी। सब उन्हें मनाने में पूरी तरह से जुट गए। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी से मिलने के लिए तैयार नहीं हुए। लेकिन अगर वो उन नेताओं से मिल लेते, तो क्या उन्हें मनाया जा सकता था? ये सवाल अब भी लोगों के मन में उठता हुआ नजर आ रहा है।
अभी की स्थिति को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी सरकार ने कुछ ऐसा ऑफर दिया। जिसे वो मना ही नहीं कर पाए। अगर ऐसा ऑफर उन्हें कांग्रेस सरकार दे देती, तो कांग्रेस से इस्तीफा देने वाली नौबत कभी आ ही नहीं सकती थी।
लेकिन जानकारों की मानें तो अभी भी देर नहीं हुई है। शाम 6 बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी जॉइन करने वाले हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चाहें तो अब भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को मना सकते हैं। इससे उनकी सबसे बड़ी समस्या का अंत हो सकता है। जो मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के गिरने के अनुमान के रूप में ऊबर कर सामने आया है।
कमलनाथ सरकार के बचे हैं अब गिनती के दिन
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के निर्णय के साथ ही कमलनाथ सरकार अपनी आखिरी सांसे गिनने लगी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ जिस तरह से कांग्रेस और सपा-बसपा के विधायकों ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ा है। इससे ये तो साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के अब गिनती के दिन बच गए हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार चाहे तो अब भी अपनी डूबती नैया को बचा सकती है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि कांग्रेस पार्टी आज तक उनके किसी भी सपने को पूरा करने में समर्थ नहीं हो पाई। 2018 में उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं मिल सका तो उनके मन में पार्टी अध्यक्ष बनने की इच्छा हो गई थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने उनकी इस इच्छा को पूरा नहीं होने दिया।
फिर उन्होंने सोचा कि पार्टी अध्यक्ष न सही, उन्हें कांग्रेस पार्टी राज्यसभा ही भेज दे। लेकिन दिग्विजय सिंह ने ये भी होने नहीं दिया। जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर से भरोसा ही उठ गया। उन्हें लगा कि कांग्रेस में रहते हुए वो अपने राजनीतिक जीवन का विकास नहीं कर पाएंगे।
किसी न किसी कारण से उनके विकास की गाड़ी को बढ़ने से रोक दिया जाता है। जिससे कांग्रेस से उनका दिल टूट गया। उन्होंने निश्चय किया कि वो कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे। फिर इसी क्रम में उन्होंने बीजेपी के नेताओं से संपर्क बढ़ाने शुरू कर दिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब भी मना सकती है कांग्रेस
जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र सिंह तोमर से मिले थे। उसके बाद उन्होंने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की और फिर दोनों वहां से नरेंद्र मोदी से मिलने गए। फिर अचानक मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया।
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को ऐसा ऑफर दिया कि वो मना नहीं कर सके। जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सपने पूरे करने का जिम्मा बीजेपी पार्टी ने उठा लिया है। वो उन्हें कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद सौंपेगी और ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी ने उनके राज्यसभा भेजे जाने वाले सपने को भी पूरा कर सकती है। अब अगर मान लें कि राज्यसभा तो उन्हें बीजेपी भेज ही रही है। तो अब कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बचाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैसे मना सकती है।
विशेषज्ञों की मानें तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर सकती है। या फिर उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाकर फिलहाल के लिए कांग्रेस पार्टी में रोका जा सकता है। उनकी नाराजगी रोके जाने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता। जानकारों की मानें तो कांग्रेस ने अभी तक ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता को बचाने के लिए ज्यादा कुछ किया नहीं है। लेकिन अपनी सत्ता बचाने के लिए अभी भी वो ये चाल सकती है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार के लिए सोचने पर मजबूर कर देगी।
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