सुषमा स्वराज के प्रयासों से पाक से वापस लौट पाई थी मूक-बधिर गीता, इशारों में कुछ इस तरह बयां किया अपना दर्द Watch Video

विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने गहरी छाप छोड़ी है। सोशल मीडिया हो या किसी भी तरह से जिस किसी ने भी उनसे मदद की गुहार लगाई सुषमा स्वराज ने अपनी तरफ मदद का हर संभव प्रयास किया। अक्सर ट्वीटर पर सुषमा जी को टैग कर लोग अपनी समस्याएं लिखते थे और वह उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए बिन देर किए संबंधित अधिकारी को दिशा निर्देश जारी करते हुए स्वयं समाधान निकालती थी। उनके पास मदद के लिए जो भी पहुंचा, वे उससे इतनी आत्मीयता से मिलती थी जैसे वह उनका कोई अपना हो।
मूक बधिर गीता को पाकिस्तान से भारत लाने सुषमा स्वराज की अहम भूमिका रही। सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनने के बाद भावुक हुई गीता ने इशारों ने कहा कि उसने अपना अभिभावक खो दिया। इंदौर में रह रही गीता का इस समय रो रोकर बुरा हाल है। उसने अपने दर्द को इशारों में बयां किया है।
#WATCH Indore: Geeta, the Indian girl who was brought back from Pakistan in 2015 when late Sushma Swaraj was External Affairs Minister, pays tribute. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/OtksbYMpff
— ANI (@ANI) August 7, 2019
सुषमा स्वराज के प्रयासों के बाद करीब 4 साल पहले पाक से भारत लौटी मूक बधिर गीता ने इशारों में कहा कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उसकी खैरियत के बारे में एक मां की तरह चिंता करती थीं। गीता से सुषमा स्वराज का गहरा भावनात्मक लगाव था। गमजदा गीता ने इशारों की जुबान में बताया कि उसकी छोटी-बड़ी समस्याओं के बारे में सुषमा स्वराज उससे सीधे बात करती थीं। अब उनके चले जाने से ऐसा लग रहा है कि सब कुछ खत्म हो गया। सुषमाजी जब भी गीता से मिलने जाती थीं उसके लिए तोहफे लेकर जाती थीं। वे लगातार उसकी पढ़ाई और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी लेती रहती थीं।
बता दें कि करीब 20 साल पहले गलती से सीमा लांघने के कारण गीता पाकिस्तान पहुंच गई थी।सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों का ही नतीजा था कि वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी। इसके अगले ही दिन गीता को इंदौर में दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठन के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। गीता तब से मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में रहकर पढ़ाई कर रही है।
तत्कालीन विदेश मंत्री ने बीते 20 नवंबर 2015 को इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान गीता को हिंदुस्तान की बेटी बताते हुए कहा था कि भारत में गीता के परिवारवाले मिलें या न मिलें, वह दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं जाएगी। उसकी देखभाल भारत सरकार करेगी। गीता के परिवार की तलाश में भी उन्होंने खूब जतन किए।
विदेश मंत्री रहते हुए एक बार सुषमा स्वराज ने कहा था-मैं जब भी गीता से मिलती हूं वह शिकायत करती है और कहती है कि मैडम किसी तरह मेरे माता-पिता को तलाशिये। सुषमा ने अपील करते हुए कहा कि जो भी गीता के मां बाप हों सामने आएं। उन्होंने कहा था कि मैं इस बेटी को बोझ नहीं बनने दूंगी। इसकी शादी, पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी हम उठाएंगे।
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