झाबुआ : बूंद-बूंद के लिए तरसे मजदूर, प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर

झाबुआ : बूंद-बूंद के लिए तरसे मजदूर, प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर
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श्रमिक पीने के पानी की खाली बोतलें लेकर पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए। पढ़िए पूरी खबर-

झाबुआ। Covid-19 के चलते Lock Down में फंसे श्रमिकों को लगातार अन्य राज्यों से श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से झाबुआ लाया जा रहा है। इस बीच मेघनगर स्थानीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां पहुँचे श्रमिकों को 2 घण्टे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पीने का पानी नसीब नही हुआ। इतना ही नही मासूम बच्चे भी पानी की एक-एक बूंद को तरसते नजर आए।

भरी गर्मी में प्यासे मजदूरों की मुसीबत उनके चेहरों से साफ बयां हो रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की नींद नही खुली रही है। श्रमिक पीने के पानी की खाली बोतलें लेकर पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए।




पानी की चाह में मजदूर नगर परिषद द्वारा लगाए गए टेप नलों को खोलते हैं, बंद करते हैं लेकिन उनमें से पानी की एक बूंद भी मजदूरों को नसीब नहीं हो रही है।

एक ओर PM नरेन्द्र मोदी और मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान श्रमिकों को उनके घर तक पहुचाने के लिए माकूल व्यवस्था का दावा कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन लगातार लापरवाही कर उनके मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं।

कई श्रमिक बस में बैठे सूखे प्यासे कंठ के साथ पानी की खाली बोतलें दिखा कर अधिकारियों से पानी मांगते नजर आए , मगर इन श्रमिकों को बिना पानी उपलब्ध करवाए बसों को श्रमिकों के गृह जिलों की ओर रवाना कर दिया गया।

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