फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर आयकर अधिकारी बन गिरोह ने मारा छापा, फिर हुआ कुछ ऐसा...

इंदौर।मध्य प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर क्राइम ब्रांच की टीम ने फिल्मी स्पेशल 26 की तर्ज पर नकली आयकर अधिकारी बनकर छापा मारने वाले गिरोह के पांच युवकों को मंगलवार को धर दबोचा है।
इन फर्जी आयकर अधिकारियों ने नौकरी के नाम पर करीब 70 युवाओं से 40 लाख रुपए भी ठग लिए थे।
ठगी करने वाले इस गिरोह ने इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीडीटी) के नाम से आॅफिस तक खोल रखा था जिसमें उन्होंने कुछ लोगों की भर्तियां भी की थी। भर्ती किए गए युवाओं से इन्होंने यहां के 30 बड़े व्यापारियों, प्रॉपर्टी ब्रोकर, किसान, दुकानदारों के घर दबिश के लिए फाइल भी तैयार करवा ली थी।
टीम ने फर्जी आयकर अधिकारी के पास से आईडी, सील, नियुक्ति पत्र, आदेश पत्र, रजिस्ट्रर, लेपटाॅप, प्रिंटर, मोबाइल, आयकर विभाग की प्लेट लगी गाड़ी, एयरगन, वर्दी, बैच और भारत सरकार की वर्दी मय बेल्ट बरामद की है।
एसपी अवधेश गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया, एक्सटेंशन नगर में रहने वाले शुभम साहू ने सूचना दी थी कि शहर में कुछ फर्जी आयकर अधिकारी घूम रहे हैं। जिसके बाद राजेंद्र नगर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मिलकर कार्रवाई करते हुए देवेन्द्र (29) पिता माधवलाल डाबर बजरंग काॅलोनी कुक्षी धार, सुनील मण्डलोई (24) पिता नानसिंह निवासी आजाद काॅलोनी कुक्षी धार, रवि (24) पिता महेश सोलंकी निवासी शांति नगर मूसाखेड़ी इन्दौर, दुर्गेश (23) पिता हरीसिंह गेहलोत निवासी इंदिरा एकता नगर मूसाखेड़ी इन्दौर और सतीश (30) पिता चम्पालाल गावड निवासी भील काॅलोनी मूसाखेड़ी इन्दौर को पकड़ा।
इनका सरगना देवेंद्र 12वीं तक पढ़ा है। उसके पिता कुक्षी तहसील कार्यालय में बाबू हैं। पूछताछ में उसने बताया कि एक बार आयकर विभाग द्वारा जारी विज्ञाप्ति में पढ़ा था जिसमें लिखा था कि बेनामी और आय से अधिक संपत्ति की जानकारी देने पर 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा।
इश्तेहार देख फर्जीवाड़े का विचार आया और इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीडीटी) अटैचमेंट सेक्शन-6 खोलकर ऑफिसर बन गया। फिर सीबीडीटी का सिलीकॉन सिटी में फ्लैट में आयकर कार्यालय खोल लिया और डिपार्टमेंट का बोर्ड लगा दिया। फर्जी छापे के समय वह स्वयं को चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बताता था।
उसने कबूला कि बुरहानपुर में कारोबारी गोदासिंह के घर छापा मारा था। उसके बारे में गोपनीय सर्वे करवाया था। वह ब्याज पर रुपए देता है। उसे धमकाकर पांच हजार रुपए लिए और लौट आए। देवेंद्र हाईवे, बायपास और टोल नाकों के समीप गाड़ी खड़ी कर उन कंटेनरों की जांच करता था जो राज्य के बाहर से माल लेकर आते थे।
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