आज से किसानों की प्रदेशव्यापी हड़ताल, पहले दिन ही दिखी बेअसर, रोज की तरह मंडियों में चालू रहा काम Watch Video

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भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की आज से शुरू हुई प्रदेशव्यापी हड़ताल पहले दिन ही बेअसर नजर आई। खंडवा, बुरहानपुर और बैतूल समेत अन्या जगहों पर मंडियों में रोज की तरह काम चालू रहा।

भोपाल। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की आज से शुरू हुई प्रदेशव्यापी हड़ताल पहले दिन ही बेअसर नजर आई। खंडवा, बुरहानपुर और बैतूल समेत अन्या जगहों पर मंडियों में रोज की तरह काम चालू रहा। आम दिनों की तरह मंडी का माहौल नजर आया हड़ताल बेअसर नजर आई।

बता दें मध्यप्रदेश में भारती किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने 3 दिन 29 से 31 तारीख तक प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। जिसके बाद बुधवार से फल, सब्ज़ियों और दूध की किल्लत होने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन पहले दिन ही किसानों की हड़ताल बेअसर नजर आई। मंडियों में सब्जियों की बिक्री के साथ दूध आदि का कारोबार भी रोज की तरह हुआ।

राष्ट्रीय किसान यूनियन ने भी किसानों की समस्याओं को लेकर 5 जून से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। राष्ट्रीय किसान यूनियन के नेता शिवकुमार कक्का को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चर्चा के लिए 12:00 बजे मंत्रालय में बुलाया है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव से मंगलवार को बताया था कि इस आंदोलन के पीछे 2 मांगें अहम हैं जिसमें से पहली है सभी किसानों को कर्जमाफी का लाभ देना और दूसरी किसानों की उपज का समर्थन मूल्य बढ़ाना। अनिल यादव ने कहा कि 29 मई से 31 मई तक हम आंदोलन कर रहे हैं और यह पूर्णतः प्रदेशव्यापी आंदोलन है।

अगर सरकार कर्जमाफी पर 3 दिनों में विचार नहीं करती है तो यह आंदोलन आगे बढ़ाया भी जा सकता है। इस आंदोलन में फल, फूल, सब्जी, दूध पूरी तरह से बंद किया जाएगा। क्योंकि हमने आचार संहिता लगने से पहले भी कई बार मुख्यमंत्री से चर्चा की थी लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला और किसानों की आत्महत्या लगातार जारी है।

यूनियन के प्रदेश महामंत्री अनिल यादव ने बताया कि चर्चा के दौरान कृषि मंत्री का रूख सकारात्मक था, लेकिन कर्जमाफी का मामला उनके अधीन नहीं है इसलिए उनके आश्वासन पर भरोसा करना मुश्किल है। मुख्यमंत्री हमसे मिलना नहीं चाहते, यदि वे मिलते तो कोई हल निकलता। कृषि मंत्री से हुई बातचीत से सभी जिला अध्यक्षों को अवगत करा दिया है। बुधवार से हड़ताल होगी।

कहां-कहां से आती है भोपाल में सब्ज़ियां

राजधानी भोपाल में ज़िले के ग्रामीण इलाकों समेत नज़दीकी ज़िले सिहोर, विदिशा, रायसेन और होशंगाबाद से सब्ज़ियां, फल और दूध आता है। ऐसे में भोपाल आने वाले रास्तों पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्य भोपाल की मंडियों और शहर में आने वाली रसद की गाड़ियों को रोकने की बात कर रहे हैं।

क्या है मांगें

स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए।

कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाए।

मंडी में उपज समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर बिकने पर रोक लगे।

सरकार की तरफ से किसान कर्ज माफी स्पष्ट हो।

2 लाख तक कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से राशि दी जाए।

फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए।

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