2019 को बिजली के लिए भी याद रखेगा मध्यप्रदेश, हाइएस्ट डिमांड की सप्लाई में कामयाब रही कंपनी

जबलपुर। मध्यप्रदेश के ऊर्जा सेक्टर के लिए वर्ष 2019 बिजली की अधिकतम मांग के लिए याद किया जाएगा। मध्यप्रदेश में पहली बार रबी सीजन में इस वर्ष 31 दिसम्बर को बिजली की अभी तक की अधिकतम मांग 14,326 मेगावाट दर्ज हुई।
प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग की बिना व्यवधान के सफलतापूर्वक सप्लाई करना बेहतर प्रबंधन एवं सुदृढ़ ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के कारण संभव हुआ है। राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान और एमपी पावर मैनेजमेंट के प्रबंध संचालक व तीनो विद्युत वितरण कंपनियों के अध्यक्ष नीतेश व्यास ने एमपी पावर मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश पावर जनरेंटिग कंपनी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी ।
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली की अधिकतम मांग बढ़ने का मुख्य कारण प्रदेश में कृषकों को 10 घंटे सतत् व गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई है। वहीं नागरिकों को रोशनी के लिए 24 घंटे, सातों दिन बिजली की सप्लाई हो रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले रबी सीजन में बिजली की अधिकतम मांग 05 जनवरी 2019 को 14,089 मेगावाट दर्ज हुई थी। इस रबी सीजन में अभी तक की बिजली की अधिकतम मांग 14,326 मेगावाट की सप्लाई बिना व्यवधान के सफलतापूर्वक की गई।
प्रदेश में कैसी रही बिजली की मांग
मंगलवार को जब बिजली की अधिकतम मांग 14,326 मेगावाट थी, उस समय मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 5,624 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 5,020 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 3,682 मेगावाट दर्ज हुई।
प्रदेश में कैसे हुई बिजली सप्लाई
प्रदेश में जब बिजली की अधिकतम मांग 14,326 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 4,620 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1,982 मेगावाट, सेंट्रल सेक्टर का अंश 2,379 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंशदान 1,351 मेगावाट व आईपीपी का अंश 1,597 मेगावाट रहा। बिजली बैंकिंग से 2,282 मेगावाट व अन्य स्त्रोत से प्रदेश को 115 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।
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