हनी ट्रैप केस : कई बड़े पुलिस अफसर जांच में लगी टीम के लोगों से अपने वीडियो करवा रहे डिलीट

भोपाल। हनी ट्रैप केस में जो पांच हार्ड डिस्क पांचों आरोपी महिलाओं ;जिनमें एक 18 साल की युवती हैद्ध के कब्जे से बरामद हुईं हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स मिले हैं, उनसे प्रदेश की सत्ता हिल रही है। यहां तक कि अब जांच पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि हार्ड डिस्क में एक पूर्व राज्यपाल व एक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ दो मौजूदा मंत्रियों, तीन पूर्व मंत्रियों, एक पूर्व सांसद, एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेताओं के नाम हैं। इनके अलावा अफसरों के नामों की तो भरमार है। इससे पुलिस के गला घिर आया है, घिग्घी बंध गई है। इसीलिए अभी तक जांच एजेंसियां इस केस में शामिल होने के बाद भी कुछ उजागर नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के हवाले से अंदर की खबरें बाहर आ रही हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जो आईपीएस अफसर हनी में ट्रैप हो गए हैं, वे जांच को प्रभावित कर रहे हैं। क्योंकि जांचकर्ता तो उनके महकमे के ही हैं। मौजूदा मंत्रियों तक के नाम आ रहे हैं तो अब जांच में ये सब कैसे उजागर किया जाए। जिस विवेचक इंदौर के पलालिया थाना टीआई ने जांच में तेजी दिखाई तो उसे निपटा दिया। अब पुलिस दम साधे काम कर रही है।
ये भी हुए हैं हनी में ट्रैप
सुंदरियों के जाल में राजनेताओं के अलावा पांच आईएएस अधिकारी, डीजी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी, एडीजी रैंक के दो अधिकारी, एडिशनल एसपी रैंक के दो अधिकारी, सीएसपी रैंक के तीन अधिकारी, 10 बड़े बिल्डर और कारोबारी, एक मौजूदा मंत्री के ओएसडी, एक विधायक, सागर के एक नेता, इंदौर के एक नेता के साथ मौजूदा सरकार और पूर्व सरकार के कई नेताओं के नाम हैं। इससे दोनों ही पार्टियों के रसूक पर बट्टा लग रहा है। श्वेता जैन अगर भाजपा से जुड़ी रही है तो बरखा भटनागर सोनी कांग्रेस से जुड़ रही है। दोनों के बहुत से फोटो कई दिग्गजों के साथ हैं। दोनों ही पार्टियां अपने सफेदपोशों को पहचानती भी हैं। इसलिए एक दूसरे पर कीचड़ उछालने के बजाए मामले की तह तक जांच होने की मांग कर रही हैं।
खास ये जानिए आप
- पूर्व राज्यपाल, जो दो-दो राज्यों में पद संभालने वाले वरिष्ठ राजनेता हैं, ने मध्यप्रदेश में रहते हुए इन महिलाओं की खूब मदद की थी।
- राजनीति में ऊंची छलांग भरते हुए मुख्यमंत्री के ओहदे तक पहुंच गए एक राजनेता ने तो एक हनी को पीछा छुड़ाने की कीमत एक फ्लैट दिलाकर चुकाई थी।
- एक पूर्व सांसद ने एक हनी की मदद करके सौंदर्य का सुख लिया, लेकिन वह उनके गले की हड़्डी बन गया। बताते हैं कि एक मोटी रकम उन्हें इसके लिए चुकानी पड़ी और सांसदी का टिकट कटा सो अलग।
- हनी गैंग की श्वेता जैन की कभी बीजेपी में तूती बोलती थी। सागर के प्रभार रहे मंत्री उसके प्रभाव में आने से नहीं चूके। इसलिए श्वेता कभी टिकट की मुख्य दावेदार रही तो कभी किशोर न्यायालय बोर्ड और बाल कल्याण समिति की सदस्य बनी।
- इस केस में हाईप्रोफाइल नाम सामने आने के बाद जांच की दिशा बदल दी गयी। तीन दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद फिर से कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस ने सभी 6 आरोपियों की फिर से रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने पर्याप्त सबूत नहीं होने के चलते रिमांड देने से इंकार कर दिया।
- प्रदेश के गृहमंत्री कह चुके है कि यह हाईप्रोफाइल मामला है। इस मामले में किसी दोषी को बक्शा नहीं जायेगा, लेकिन इंदौर पुलिस की जांच से फिलहाल किसी बड़े नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।
सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर पुलिस को जब पुख्ता सबूत मिले है, फिर इन सबूतों को सार्वजानिक क्यों नहीं किया जा रहा है। जो दोषी पाये गये है, उन पर शिंकजा नहीं कसा जा रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि मामले की मुख्य आरोपी आरती दयाल के मोबाइल के कई वीडियो क्लिप बरामद की गयी है, लेकिन पुलिस इन वीडियों क्लिप को न तो सार्वजानिक कर रही है और न ही दोषियों के नाम बता रही है।
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