MP : आबकारी विभाग को शराब दुकानें खोलने की जल्दबाजी क्यों? सवालों के घेरे में सरकार

भोपाल। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू करके मध्यप्रदेश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। मुख्य सचिव ने आदेश दिया था कि अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी संस्थान बंद रहेंगे। शराब की दुकानें भी बंद कर दी गईं थीं। शराब ठेकेदार भी इसका विरोध कर रहे हैं। इसके अलावे हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई है। बावजूद, आबकारी विभाग के कार्यालय में कर्मचारियों को बुलाकर टेंडर की प्रकिया पूरी की जा रही है।
आपको बता दें, कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब विपक्ष में थे, तब इसी मसले पर कमलनाथ सरकार को घेरते रहे। अब कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार को पखवाड़ा भर भी नहीं गुजरे हैं, इधर बंद शराब दुकानों के ठेके की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानों के खुलने की खबर INH 24×7 ने प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद मुख्य सचिव ने तत्काल शराब दुकानों को बंद करने संबंधी आदेश जारी कर दिया था। तब से दुकानें बंद ही थी।
लेकिन अब आबकारी विभाग ने मुख्य सचिव के आदेशों को हवा में उड़ाते हुए लॉकडाउन के दौरान कई जिलों में बिडिंग और टेंडर प्रोसेस शुरू कर दिए हैं।
इस मामले में सत्ताधारी पार्टी और विभाग के अपने तर्क हैं। एक तरफ आला अफसरों ने अपने फोन बंद कर कर लिए हैं, तो दूसरी तरफ जिला स्तर के अधिकारियों के जवाब हैं कि प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। हकीकत ये है कि अधिकारी खुद तो आ नही रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण के जोखिमशुदा माहौल में दफ्तर बुलाया जा रहा है।
देखिए एक रिपोर्ट-
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