कोर्ट का चक्कर लगाने में उलझे निगम अफसर, जनता के लिए नहीं मिल रहा समय

कोर्ट का चक्कर लगाने में उलझे निगम अफसर, जनता के लिए नहीं मिल रहा समय
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कोर्ट केस में संबंधित अधिकारियों को वकीलों से चर्चा करने, दस्तावेज उपलब्ध कराने, जरुरी चर्चा करने, पेशी आदि के लिए कोर्ट में आना जाना पड़ता है। ऐसे में आमजन के काम सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं।

भोपाल। नगर निगम के अफसर-इंजीनियरों का जो समय जनता की सुविधा और राहत के कामों को पूरा करने में खर्च होना चाहिए, वह समय उनका कोर्ट के चक्कर लगाने में बीत रहा है। आपको बता दें कि, लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक निगम के 14 सौ से ज्यादा मामले चल रहें हैं। पानी से लेकर भवन अनुज्ञा शाखा और जोन में राजस्व वसूली से जुड़े मामले की पेशियों पर वकीलों के साथ कई बार अफसरों और इंजीनियरों को भी जाना पड़ता है।

ऐसे हो रहा नुकसान:

कोर्ट केस में संबंधित अधिकारियों को वकीलों से चर्चा करने, दस्तावेज उपलब्ध कराने, जरुरी चर्चा करने, पेशी आदि के लिए कोर्ट में आना जाना पड़ता है। ऐसे में आमजन के काम सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। निगम की लीग सेल शुुरुआती दौर में प्रकरण सुलझाने की कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में लोग अपनी समस्याओं के हल कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते है।

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