शहडोल : भुखमरी की कगार पर ग्रामीण, तपती धूप में प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

शहडोल : भुखमरी की कगार पर ग्रामीण, तपती धूप में प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
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पंचायत भवन के सामने तपती धूप में बैठे हैं ग्रामीण, शासन दिलाओ राशन का लगा रहे नारा। पढ़िए पूरी खबर-

शहडोल। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान सरकार गरीबों और जरूरतमंद की मदद का दावा करते नजर आ रही है लेकिन देश के हर कोने से सरकार के दावों को झूठा साबित करती तस्वीरें सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के शहडोल से सामने आया है, जहां लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण भूखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बीते करीब 45 दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम-धंधे पूरी तरह से बंद है, जिस कारण दिहाड़ी मजदूरों के सामने पेट भरने की सबसे बड़ी समस्या आन खड़ी हुई है। शासन द्वारा ग्रामीणों के लिए राशन और उनके खातों में रुपए पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर शासन के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

बुढार जनपद के ग्राम पंचायत सेमरा में ग्रामीण राशन दिलाओ का नारा लगते हुए पंचायत भवन के सामने तपती धूप में बैठे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा उन्हें पेट भरने तक के लिए राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, स्थानीय कोटेदार पंचायत के अलावा सरपंच और सचिव सब इस मामले में अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राशन के लिए पंचायत स्तर और जनपद स्तर पर उन्होंने काफी प्रयास किए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्होंने जिले के कलेक्टर सहित तहसीलदार और कमिश्नर के अलावा जनपद, थाना और अन्य स्तरों पर सेल फोन और अन्य माध्यमों से अपनी आवाज उठाई है लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी मदद या नुमाइंदा उन तक नहीं पहुंचा है।

इनमें महिलाएं भी शामिल हैं जो तपती धूप में राशन की मांग करते हुए बैठे हैं, उनका कहना है कि जब तक शासन के नुमाइंदे आकर हमारी समस्याओं को सुलझा नहीं देते हैं तब तक वे यहीं धूप में डटे रहेंगे।

ग्रामीणों ने कहा कि- जब घर में पेट भरने को राशन नहीं मिल रहा है तो भूखे पेट घर के अंदर मरने से अच्छा है कि पंचायत भवन के सामने तपती धूप में ही अपनी जान दे दें।

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