भिंड-मुरैना में हालात बिगड़े, बाढ़ से निपटने के लिए सेना को बुलाया, शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त

भिंड। चंबल नदी में ज़बरदस्त उफान आने के कारण भिंड और मुरैना के कई इलाकों में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैंं यहां कई गांव पानी में घिर गए हैं। वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन को सेना को बुलाना पड़ा। बाढ़ में फंसे पीड़ितों की मदद के लिए देवदूत बनकर पहुंचे हैं। 60 सैनिक ने 6 बोटों की मदद से अटेर तहसील में रेस्क्यू कर फंसे करीब 3 हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
अटेर में बाढ़ आपदा की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर छोटे सिंह ने सभी शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है। छुट्टी पर गए सभी शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने के निर्देश जारी किए हैं।
भिंड में अटेर के 8 गांव बाढ़ से घिर गए हैं। मुरैना का नदुआपुरा गांव टापू बन गया है। सेना की ग्रेनेडियर्स ग्वालियर और इंजीनियरिंग कोर झांसी की टीम रेस्क्यू कर रही हैं। राहत और बचाव कार्य में ग्वालियर से सेना की ग्रेनेडियर्स और इंजीनियरिंग कोर झांसी की टीम लगी हुई हैं।
कुल 6 टीमें बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही हैं। वहीं चंबल कमिश्नर रेनू तिवारी और चंबल आईजी डीपी गुप्ता मौके पर पहुंचे पर निरक्षण करने पहुंच रहे हैं। आईजी डीपी गुप्ता ने 20 गांवों के पानी में डूबे होने की बात स्वीकार की।
मुरैना में सेना ने सरायछौला इलाके में रेस्क्यू कर नदुआ के पुरा में बाढ़ में फंसे 200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। पुलिस व जिल प्रशासन के अधिकारियों की देख रेख में राहत कार्य चलाया जा रहा है। संभवना जताई जा रही है चंबल नदी का जलस्तर अभी और बढ़ेगा।
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