मध्यप्रदेश से था सुषमा स्वराज का गहरा लगाव, इस गांव को लिया था गोद

भोपाल। देश ने सुषमा स्वराज के रुप में एक प्रखर नेत्री,विदुषी और ओजस्वी वक्ता खो दिया। सुषमा स्वराज के निधन से देशभर में शोक की लहर है। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में हरियाणा के अंबाला छावनी हुआ था। बचपन से बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही सुषमा स्वराज ने आपातकाल के समय जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल के बाद वह जनता पार्टी की सदस्य बन गयी। इसके बाद 1977 में उन्होंने अंबाला छावनी विधानसभा से चुनाव जीता और 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया।
मध्यप्रदेश से सुषमा स्वराज का गहरा नाता रहा है। उन्होंने केंद्र में मंत्री रहते हुए मध्यप्रदेश के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। सुषमा स्वराज ने मध्यप्रदेश के भोपाल में एम्स की आधारशीला रखी। इसके बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह के आग्रह पर सुषमा स्वराज ने 2009 में विदिशा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2014 में फिर से विदिशा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल किया।
इस गांव को लिया था गोद - सुषमा स्वराज ने मध्यप्रदेश के विदिशा तहसील के गांव पांझ को गोद लिया था। दरअसल वर्ष 2009 के चुनाव में विदिशा तहसील के गांव पांझ में सुषमा स्वराज को 90 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सुषमा स्वराज पांझ पहुंचीं थीं। गांव के लोगों ने तब सुषमा का जोरदार स्वागत किया था। लोगों ने उन्हें चांदी का मुकुट पहनाया था। जिसके बाद स्वराज ने इस गांव को संसदीय क्षेत्र के मुकुटमणि का खिताब दिया था।
चुनाव नहीं लड़ने का किया था ऐलान - आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान भी मध्यप्रदेश से ही किया था। उन्होंने इंदौर में कहा था कि वह अब आगे चुनाव नहीं लडेंगी। उन्होंने 20 नवंबर 2018 को खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह घोषणा किया था।
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