पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे इस परिवार से क्या है डीसीपी का रिश्ता

पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे इस परिवार से क्या है डीसीपी का रिश्ता
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दिल्ली पुलिस में उत्तर पश्चिमी दिल्ली में बतौर डिप्टी कमश्नीर तैनात असलम खान ने इंसानियत की एक मिसाल पेश की है। असलम खान हर महीने अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर के परिवार को मदद के रूप में देती है।

दिल्ली पुलिस में तैनात एक अधिकारी ने धर्म-जाति की दीवारों से ऊपर उठकर इंसानियत की एक मिसाल पेश की है। बता दे कि दिल्ली पुलिस में उत्तर पश्चिमी दिल्ली में बतौर डीसीपी असलम खान ने इंसानियत की एक मिसाल पेश की है। असलम खान हर महीने अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर के परिवार को मदद के रूप में देती है।

इस बात की पुष्टि खुद डीसीपी असलम खान ने की। असलम खान ने बताया कि इसी साल 9 जनवरी को एक ट्रक ड्राइवर की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी।ट्रक चालक की मौत के कुछ दिन बाद मैं उसके परिवारवालों के संपर्क में आई तो मुझे पता चला कि मृतक ट्रक चालक का परिवार बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा है।

जिसके बाद अगले ही महीने यानी फरवरी से मैंने अपनी सैलरी का एक हिस्सा उन्हें भेजना शुरु कर दिया। डीसीपी असलम खान ने आगे बताया कि जिसके बाद से मुझे बहुत से लोगों ने आगे आकर के मृतक के परिवारवालों की मदद करने की इच्छा जाहिर की हैं।

वहीं दूसरी तरफ जब इस बारे में जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा के फलोरा गांव में रहने वाले मृतक ट्रक ड्राइवर के परिवार वालों से पूछा गया तो उन्होंने भी डीसीपी असलम द्वारा उनकी मदद किए जाने की पुष्टि की। मृतक के परिवार वालों ने बताया कि जब से परिवार के मुखिया की हत्या की गई है तभी से डीसीपी असलम उन्हें हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्सा उनकी मदद के लिए भेजती है।

परिवारवालों का कहना है कि हम परिवार के मुखिया की मौत के बाद से बहुत डरे हुए थे। लेकिन मैडम ने हमारी हर संभव मदद की है। और जिसके लिए हम डीसीपी असलम खान का तह दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।

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