आंध्र प्रदेश: एयरपोर्ट पर 73 वर्षीय महिला यात्री के पास से रिवॉल्वर की 13 जिंदा गोलियां बरामद, मचा हड़कंप

आंध्र प्रदेश: एयरपोर्ट पर 73 वर्षीय महिला यात्री के पास से रिवॉल्वर की 13 जिंदा गोलियां बरामद, मचा हड़कंप
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने दावा किया कि उसे अपने बैग में गोलियों की मौजूदगी की जानकारी नहीं थी। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने एक रिश्तेदार का बैग ले जा रही थी, जिसका हाल ही में निधन हो गया।

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापत्तनम हवाईअड्डे (Visakhapatnam Airport) पर 73 वर्षीय एक महिला यात्री के पास 0.32 बोर की रिवॉल्वर की 13 जिंदा गोलियां (Bullets) मिलीं हैं। बैगेज स्कैनिंग (baggage scanning) के दौरान महिला के बैग ये गोलियां मिलीं हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force- सीआईएसएफ) के सुरक्षा कर्मचारी पिस्टल की गोलियां मिलने से हैरान रह गए। विशाखापत्तनम की रहने वाली महिला के पास कोई लाइसेंस या वैध दस्तावेज नहीं है। महिला के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने दावा किया कि उसे अपने बैग में गोलियों की मौजूदगी की जानकारी नहीं थी। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने एक रिश्तेदार का बैग ले जा रही थी, जिसका हाल ही में निधन हो गया। वह हैदराबाद (Hyderabad) में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रही थी। महिला यात्री ने पुलिस को यह भी बताया कि मृतक के पास पिस्टल का लाइसेंस था। उसने कहा कि उसी ने गोलियां बैग में रखी होंगी। लेकिन जब उसने अपना सामान पैक किया तो उसे इस बात की जानकारी नहीं थी।

बता दें कि हवाईअड्डों पर गोला-बारूद ले जाना एक गैर-जमानती अपराध है और अधिकारियों ने बार-बार इस संदेश को प्रसारित भी किया है। हालांकि, हर साल कई यात्रियों को हथियार और गोला-बारूद ले जाते हुए पकड़ा जाता है। इस साल राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा इकाई में शस्त्र अधिनियम के तहत कुल 51 मामले दर्ज किए गए हैं। हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान यात्रियों को अनजाने में या जानबूझकर जांच प्रक्रिया के दौरान गोला-बारूद ले जाते हुए पकड़ा जाता है।

कानूनी प्रावधानों के अनुसार, ऐसे यात्रियों के खिलाफ दिल्ली या पूरे भारत के लिए जारी वैध लाइसेंस के बिना अवैध रूप से गोला-बारूद रखने के लिए एफआईआर दर्ज की जाती है और उन्हें अदालत के समक्ष आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, इस तरह की चूक यात्रियों की यात्रा को बुरी तरह प्रभावित करती है। क्योंकि वे अपनी यात्रा शुरू नहीं कर सकते हैं और सह-यात्रियों और परिवार के सदस्यों को भी खराब स्थिति का सामना करना पड़ता है।

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