14 Journalists Boycott: INDIA गठबंधन का 14 पत्रकारों के खिलाफ असहयोग आंदोलन, पवन खेड़ा बोले- हम उनके दुश्मन नहीं

14 Journalists Boycott: INDIA गठबंधन का 14 पत्रकारों के खिलाफ असहयोग आंदोलन, पवन खेड़ा बोले- हम उनके दुश्मन नहीं
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14 Journalists Boycotted: इंडिया गठबंधन ने 14 पत्रकारों के शो में अपने प्रतिनिधि या प्रवक्ता को भेजने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आज पवन खेड़ा ने कहा कि यह पत्रकारों का बहिष्कार नहीं है। केवल असहयोग आंदोलन चलाया जा रहा है।

14 Journalists Boycotted: विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 14 टीवी पत्रकारों की एक लिस्ट जारी की थी। इसमें कहा गया कि इनके टीवी कार्यक्रम में उनके मीडिया प्रतिनिधि या कोई भी प्रवक्ता भाग नहीं लेंगे। इस पर बीजेपी ने इंडिया गठबंधन की जमकर आलोचना की थी। इसी बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आज कहा कि इंडिया गठबंधन द्वारा 14 पत्रकारों का कोई बहिष्कार नहीं किया गया है, यह असहयोग का आंदोलन है।

पवन खेड़ा बोले- यह असहयोग आंदोलन

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने किसी को बैन, बहिष्कार या ब्लैकलिस्ट नहीं किया है। इसे असहयोग आंदोलन कहा जा सकता है। हम समाज में नफरत फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति का सहयोग नहीं करेंगे। हम उन्हें रोक नहीं रहे हैं। खेड़ा ने कहा कि यदि आप नफरत फैलाना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें और ऐसा करें। आपको ऐसा करने की आजादी है। हमें अपराध में भागीदार न बनने की भी आजादी है। वे हमारे दुश्मन नहीं हैं।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आगे कहा कि हम मीडिया के 14 पत्रकारों में से किसी से भी नफरत नहीं करते। उनकी अपनी मजबूरियां हो सकती हैं और कुछ भी परमानेंट नहीं है। अगर कल उन्हें एहसास हो कि वे जो कर रहे हैं वह भारत के लिए अच्छा नहीं है, समाज के लिए अच्छा नहीं है, तो यकीन मानिए, इसमें हम सब एक साथ हैं। हम फिर से उनके शो में जाना शुरू करेंगे। इसलिए इसे प्रतिबंध न कहें। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर कोई हमारी सड़क पर कूड़ा डालता रहता है तो हमें अपना रास्ता बदलने की आजादी है। हम बस उस स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं और इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां हमारा रास्ता बदलने पर सहमत हो गई हैं।

इन पत्रकारों के शो का किया बहिष्कार

इंडिया गठबंधन की पार्टियां ने जिन 14 पत्रकारों के शो में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजने का फैसला किया है, उनमें अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्नब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर और सुधीर चौधरी शामिल हैं। एनबीएसए ने भी इंडिया गठबंधन से इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी।

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