179 तकनीकी काॅलेज इस वर्ष हुए बंद, पिछले नौ वर्षों का टूटा रिकाॅर्ड

179 तकनीकी काॅलेज इस वर्ष हुए बंद, पिछले नौ वर्षों का टूटा रिकाॅर्ड
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शैक्षिक समस्याओं में लगातार बढोतरी के कारण इस वर्ष 179 काॅलेज बंद हो गये हैं। यह पिछले 9 वर्षों में बंद होने वाले काॅलेजों की संख्या में सबसे अधिक है। काॅलेजों में सीटों की पूर्ति नहीं हो पा रही है इस लिए पेशेवर काॅलेजों की बंद होने की संख्या लगातार बढती जा रही है।

शैक्षिक समस्याओं में लगातार बढोतरी के कारण इस वर्ष 179 काॅलेज बंद हो गये हैं। यह पिछले 9 वर्षों में बंद होने वाले काॅलेजों की संख्या में सबसे अधिक है। काॅलेजों में सीटों की पूर्ति नहीं हो पा रही है इस लिए पेशेवर काॅलेजों की बंद होने की संख्या लगातार बढती जा रही है। इस वर्ष लगभग 134 काॅलेजों ने सीटों के लिए अनुमोदन नहीं किया है। क्योकि 5 वर्ष से लगातार सीट खाली रह रही हैं। इसलिए संस्था प्रधानों ने संस्था को बंद करने का फैसला लिया है।

एआईसीटीई के आंकलन के अनुसार इस वर्ष सबसे अधिक इंजीनियरिंग और बिजनेस स्कूल बंद हुए हैं। पिछले सत्रों में बंद हुए व्यावसायिक संस्थानों की संख्या में सबसे अधिक है। कुछ संस्थान ऐसे हैं जिन्होने सीटों के लिए अनुमोदन नहीं किया है जबकि 44 संस्थानों को सीट लेने की अनुमति नहीं दी है। तकनीकि शिक्षा नियामक की दण्डात्मक कार्यवाही के कारण उनकी सीट प्रदान करने की प्रक्रिया को रोक दिया है।

कुछ संस्थान ऐसे है जो अब पहले वर्ष के छात्रों को नही ले रहे हैं जबकि पहले से अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए डिग्री पूरी करवा रहे हैं। इस संस्थान द्वारा दी जाने वाली डिग्री को मान्य माना जायेगा। शैक्षिक संस्थानों में इस प्रकार चलने वाली प्रक्रिया को प्रगतिशील बंद कहा जाता है।

कई सालों से सीटों के अनुमोदन में लगतार कमी आने के कारण शैक्षिक सत्र 2020-21 में भी सीटों के अनुमोदन में भी भारी मात्रा में कमी दर्ज की गई है। इस सत्र में फार्मेसी और वास्तुकला के संस्थानों की सीटों में 1.09 लाख की कमी आई है। आर्किटेक्चर और फार्मेसी काॅलेजों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नया नियम जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आर्किटेक्चर काॅलेजों को आर्किटेक्चर परिषद से सीटों के लिए अनुमति लेनी होगी। और फार्मेसी काॅलेजों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से मंजूरी लेनी होगी। एआईसीटीई के अधिकारी ने बताया है कि यह नियम 2020-2021 के नये सत्र से लागू किया गया है।

किसी भी आर्किटेक्चर काॅलेज और फार्मेसी काॅलेज को एआईसीटीई की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। इस कारण कई काॅलेजों ने अपना अनुमोदन वापस ले लिया है। काॅलेजों की सीटों में भी भारी कमी आई है। फार्मेसी और वास्तुकला की सीटों का निर्धारण अब संबंधित निकाय के द्वारा ही किया जायेगा। नवीनतम आंकडों के आधार पर 762 काॅलेजों में 69000 हजार सींट कम हो गईं हैं। सत्र 2020-21 में अनुमोदन प्रक्रिया में काफी देरी हुई है। वर्ष 2020-21 में एआईसीटीई ने 164 नयेे संस्थानों को मंजूरी देने के साथ 39 हजार सीटों को भी जोडा है।

पिछले सालों में बंद हुए संस्थानों के रिकाॅर्ड

2014-15 में 77 तकनीकी संस्थान बंद हुए।

सत्र 2015-16 में 126 संस्थान बंद हुए। 2017 -18 मेंं 134 तकनीकी संस्थान बंद हुए। 2018-19 में 89 काॅलेज बंद हुए । क्योकि सीटों की पूर्ति नहीं हो पायी थी।

वर्ष 2019-20 में 92 तकनीकी संस्थान बंद हुए।




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