26/11 Mumbai Terror Attacks: जानिए उस रात आतंकियों ने कैसे मचाई थी मुंबई में तबाही, सुनकर आज भी खड़े हो जाते हैं रोंगटे

26/11 Mumbai Terror Attacks: मुंबई आतंकी हमले का जब भी जहन में ख्याल आता है, तब तब इस हमले को सोचकर रोंगटे जरूर खड़े हो जाते हैं। इस हमले की 12वीं बरसी आने वाली है। इस आतंकी हमले की डरावनी रात को सोचकर हर किसी का दिल दहल जाता है। 26 नवंबर 2008 की ही वह काली रात थी, जब लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से भारत की व्यावसायिक राजधानी में दाखिल हुए और 170 बेगुनाहों को बेरहमी से गोलियों से छलनी कर दिया था। इस हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए। हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को पिछले साल 21 नवंबर को फांसी दे दी गई।
क्या हुआ था उस रात?
उस रात जो होने वाला था, वो शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। उस रात करीब 9:30 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर अचानक गोलियों की बौछार होने लगी और ताज होटल पर आतंकियों का कब्जा हो गया। ताज होटल में घुस कर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। 9 बजकर 55 मिनट हो चुके थे। ताज से महज दो किलोमीटर दूर आतंकवादियों के दूसरे गुट ने कार्रवाई शुरू की। हमलावर सीएसटी स्टेशन यानी विक्टोरिया टर्मिनल के एक प्लेटफॉर्म पर पहुंच चुके थे।
इन लोगों ने प्लेटफॉर्म पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड भी फेंके। आधे घंटे तक मौत का खेल चलता रहा।इसके बाद यहां मौजूद आतंकियों में से कुछ आतंकी जीटी अस्पताल पहुंच गए। वहां भी इन लोगों ने एके 47 का जी भर कर इस्तेमाल किया। बस पांच मिनट बाद ही रात के दस बजे सीएसटी स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर दूर मझगांव में धमाका हुआ।
यहां एक टैक्सी के परखच्चे उड़ गए थे। टैक्सी में बम रखा था। रात के 11 बजे के करीब ताज के गुंबद तक आतंकी अपनी पहुंच बना चुके थे। इस पूरी आतंकी कार्रवाई के दौरान इन लोगों ने हैंड ग्रेनेड से सात विस्फोट किए। गुंबद में ग्रेनेड हमले से आग लग गई। तकरीबन 12 बजे ही कुछ आतंकवादियों ने ऑबेरॉय होटल के पीछे नरीमन भवन पर एक परिवार को बंधक बना लिया। ताज होटल, ओबेरॉय होटल, नरीमन भवन में दर्जनों लोगों की जानें चली गई।
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