Galwan घाटी संघर्ष के तीन साल पूरे, भारतीय सेना ने LAC पर सैन्य क्षमता में की बढ़ोतरी

15 जून 2023 यानि की गुरुवार को गलवान घाटी (Galwan Valley) की घटना के तीन साल पूरे हो गए हैं। भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में भिड़ गए थे, जिसमें भारतीय सेना (Indian Army) के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद चीन (China) के साथ करीब 3500 किलोमीटर की एलएसी (LAC) पर सैन्य ढांचे, निगरानी और लड़ाकू विमानों की क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी की है। 15 जून 2020 को हुए संघर्ष में दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव बढ़ गया था। इसी को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई वार्ताओं के दौर जारी है।
संघर्ष के बाद सीमा पर तैनाती अधिक
जिस समय यह संघर्ष हुआ था, उस वक्त वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सैन्य बुनियादी ढांचा बहुत कम था। यहां पर मात्र 15,000 सैनिक ही तैनात थे। इसके तीन वर्ष बाद, इस केंद्र शासित प्रदेश में सैनिकों की सघनता और वहां विकसित बुनियादी ढांचे के पैमाने के मामले में बहुत बदलाव हुआ है। यहां पर लगभग 50,000 अधिक सैनिकों को तैनात किया गया है, यह लेह की कुल आबादी से अधिक हैं।
इसी के साथ ही, पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में खुफिया, निगरानी आईएसआर (ISR) के लिए ढेर सारे आधुनिक उपकरणों की तैनाती और 4-5 रेजिमेंटों से लेकर 10-12 तक अधिक टेक्नोलॉजी और बख्तरबंद रेजिमेंटों की तैनाती देखी गई है। बख़्तरबंद वाहनों की मरम्मत के लिए भी अलग से कुछ लोगों को लगाया गया है।
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कई दौर की वार्ताएं हुईं
भारत और चीन ने अब तक भारत-चीन सीमा (India-China Border) मामलों पर परामर्श और समन्वय बनाने के लिए तकरीबन 18 दौर की सैन्य वार्ता और 27 बैठकें की हैं। वार्ता के बाद बफर जोन के निर्माण के साथ 2020 के बाद के संघर्ष बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी हुई है, लेकिन देपसांग मैदान और डेमचोक जैसे मुद्दों पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। इस पर भारत का कहना है कि चीन (China) के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल नहीं की जाती है।
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