भारतीय रेलवे की बड़ी पहल, क्यूआर कोड से होगी यात्रियों के टिकट की जांच

देश में कोरोना वायरस कहर के बीच भारतीय रेलवे ने एक बड़ी पहल की है। भारतीय रेलवे ने कोरोनावायरस सुरक्षित यात्रा के लिए सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने एक एप्लीकेशन तैयार की है। इस एप्लीकेशन के जरिए क्यूआर कोड से ही यात्री के टिकट की जांच हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे इस सुविधा को अभी शुरू नहीं करेगा इसका कारण यह है कि बहुत से लोगों के पास अभी स्मार्टफोन नहीं हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने इस संबंध में खड़ा किए रेल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्रिस ने इस एप्लीकेशन को विकसित किया है, जिससे क्यूआर कोड के जरिए पीआरएस टिकट का सारा विवरण मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगा। यात्री के पास अगर स्मार्टफोन होगा, तो उसे एक यूआरएल लिंक भेज दिया जाएगा।
हालांकि, विनोद कुमार यादव ने कहा कि इस सुविधा का मतलब यह नहीं होगा कि बिल्कुल पेपरलेस टिकट हो जाए। मैन्युअल टिकट भी जारी किया जाएगा। क्योंकि देश में अभी बहुत से ऐसे यात्री नहीं है जिनके पास स्मार्टफोन हों। उन्होंने जानकारी दी कि 85 फीसदी ई-टिकट फिलहाल लिए जा रहे हैं। उम्मीद है बहुत ही जल्द अधिक से अधिक संख्या में लोग इस एप का उपयोग करेंगे। आरक्षित (रिजर्वेशन) टिकटों की जांच की यह प्रणाली कोरोना वायरस से बचाने में प्रभावी होगी। स्टेशन पर यात्री के प्रवेश करते ही टिकट चेकिंग के वक़्त यात्रियों को एसएमएस पर उपलब्ध क्यूआर कोड के यूआरएल पर क्लिक करना होगा। इसके बाद यात्री के मोबाइल ब्राउजर पर क्यूआर कोड शो हो जाएगा। टीटीई यात्री के मोबाइल पर दिख रहे इस कोड को अपने मोबाइल से (जिसमें क्यूआर कोड स्कैनर होगा) स्कैन करेगा। इससे यात्री के पीएनआर का सारा विवरण टीटीई के पास पहुंच जाएगा।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ रेल मंडल के गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर रिजर्वेशन टिकटों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग करने के लिए स्कैनर लगाए जा रहे हैं। यादव यह भी बताया कि बहुत ही जल्द अन्य स्टेशनों पर भी इस तरह के स्कैनर लगाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि जीरो पेपरलेस करने की कोई योजना रेलवे की नहीं है।
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