Shraddha Murder Case: आफताब पूनावाला के कबूलनामे पर वकील ने दी सफाई, नहीं कबूला श्रद्धा की हत्या का जुर्म

Shraddha Murder Case: आफताब पूनावाला के कबूलनामे पर वकील ने दी सफाई, नहीं कबूला श्रद्धा की हत्या का जुर्म
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आफताब पूनावाला (Aftab Poonawala) के वकील अविनाश कुमार (Lawyer Avinash Kumar) अपडेट देते हुए कहा कि उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया है।

दिल्ली (Delhi) के महरौली (Mehrauli) में हुए श्रद्धा हत्याकांड (shraddha murder case) में अब एक नया मोड आ गया है। आफताब पूनावाला (Aftab Poonawala) के वकील अविनाश कुमार (Lawyer Avinash Kumar) अपडेट देते हुए कहा कि उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया है। लेकिन सुबह से ही मीडिया में खबरें चल रही थी कि आफताब ने कोर्ट में जज के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

आफताब पूनावाला के वकील अविनाश कुमार ने एक टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू के दौरान बताया कि आफताब ने अपनी पार्टनर श्रद्धा वॉल्कर की हत्या को कोर्ट में कबूल नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आफताब के खिलाफ मामले के सबूत हैं। जो कि इस मामले में मदद कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग कर रहा है। लेकिन उसने कोर्ट में अपना जुर्म नहीं कबूला है।

28 साल के आफताब पूनावाला ने दिल्ली के अपार्टमेंट में मई महीने में श्रद्धा वॉल्कर की गला दबाने का आरोप भी है। उसके बाद उसने श्रद्धा के शरीर के 35 टूकड़े किए और शहर के कई इलाकों में फेंक दिए। रिपोर्ट कहती हैं कि उसने कोर्ट में कहा कि हम दोनों के बीच तगड़ी बहस हुई, जिसके बाद मैंने हत्या कर दी। कोर्ट ने पूछा कि क्या हुआ था कि तुमने अपना आपा खो दिया। आफताब ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट को बताया। कोर्ट ने अगले 4 दिनों के लिए हिरासत को बढ़ा दिया है।

इस वारदात की जानकारी हर दिन एक नई कहानी गढ़ रही है। हर दिन इस मामले की नई नई सुर्खियां बन रही हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने बीते सोमवार को आफताब को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि उसने अपना भीषण अपराध कबूल कर लिया है। आफताब ने 18 मई को कथित तौर पर श्रद्धा की हत्या कर दी थी। दो दिन पहले ही दोनों साउथ दिल्ली के नए अपार्टमेंट में शिफ्ट हुए थे। रिपोर्ट में दावा है कि इसके बाद उसने एक 300 लीटर का फ्रिज में बॉडी पार्ट को स्टोर किया था और हर दिन श्रद्धा के कटे सिर को देखा करता था। लेकिन दिल्ली पुलिस के द्वारा रिकॉर्ड किया गया उसके कबूलनामा कोर्ट में स्वीकार्य नहीं है।

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