दुनिया भर से लगभग 16 हजार स्वयंसेवकों ने यूक्रेन की ओर से लड़ने को दर्ज करवाया नाम, दो भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी भी हैं शामिल

दुनिया भर से लगभग 16 हजार स्वयंसेवकों ने यूक्रेन की ओर से लड़ने को दर्ज करवाया नाम, दो भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी भी हैं शामिल
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मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, भारतीय नौ सेना के 2 पूर्व अधिकारियों ने यूक्रेन के डिफेंस अटैची को यह पत्र भेजे हैं। इनमें से एक अधिकारी ने खुद को नौसेना में 23 साल का मेकैनिकल सिस्टम का अनुभवी बताया है और वह तुरंत यूक्रेनी सेना में शामिल होना चाहता है।

रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच जारी युद्ध को दो हफ्तों का समय हो गया है। यूक्रेन (Ukraine) में हर तरफ तबाही ही नजर आ रही है। दुनिया के कई देश यूक्रेन के सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे में यूक्रेनी दूतावासों (Ukrainian embassies) में पूरी दुनिया से करीब 16 हजार लोगों ने स्वयंसेवक (Volunteer) के तौर पर रूस के खिलाफ लड़ने के लिए आदेवन किए हैं। आवेदन करने वालों में भारतीय नौ सेना के 2 पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं। बता दें कि तमिलनाडु के कोयंबटूर का रहना वाला एक छात्रा पहले की यूक्रेन सेना में शामिल हो गया है और वह रूस के खिलाफ जंग लड़ रहा है।

मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, भारतीय नौ सेना के 2 पूर्व अधिकारियों ने यूक्रेन के डिफेंस अटैची को यह पत्र भेजे हैं। इनमें से एक अधिकारी ने खुद को नौसेना में 23 साल का मेकैनिकल सिस्टम का अनुभवी बताया है और वह तुरंत यूक्रेनी सेना में शामिल होना चाहता है। जबकि दूसरे अधिकारी ने आवदेन के लिए ऐसा ही पत्र लिखा है। रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन करने के बाद ये पूर्व अधिकारी यूक्रेनी अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। जहां पर इनके पासपोर्ट, अनुभव और अन्य चीजों के दस्तावेज और नाम व पते, फोन नंबर दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों का निवेदन स्वीकार करने पर यूक्रेनी सरकार की और से अभी औपचारिक सहमति नहीं दी गई है।

भारतीय छात्र यूक्रेन सेना में हो चुका है शामिल

तमिलनाडु में कोयंबटूर का रहने वाला 21 वर्षीय छात्र सैनिकेशन रविचंद्रन पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था। इसी साल जुलाई में उसकी पढ़ाई पुरी होने वाली थी। इसलिए वह युद्ध के संकट में फंस गया। इसके बाद भारतीय छात्र रविचंद्रन ने रूस के खिलाफ जंग लड़ने का फैसला लिया और यूक्रेन की जॉजियाई नेशनल लीजन में शामिल हो गया। बता दें कि इस लीजन का काम यूक्रेन के लिए अर्द्धसैनिक बल के तौर पर रूस के खिलाफ युद्ध लड़ना है।

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