Aditya L1 Update: आदित्य एल-1 मिशन पर बड़ा अपडेट, इसरो ने चालू किया ये खास डिवाइस

Aditya L1 Update: भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य L-1 को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। आदित्य उपग्रह पर एक अन्य उपकरण ने अब सूर्य का अध्ययन शुरू कर दिया है। इस उपकरण का नाम सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) है। इस डिवाइस से सूर्य की हवा में मौजूद प्रोटॉन और अल्फा पार्टिकल्स को मापा जाएगा। देश की अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था इसरो ने अपने एक्स हैंडल से इस बात की जानकारी दी है।
इसरो ने दिया अपडेट
लॉन्चिंग की तारीख से 125 दिनों में आदित्य एल1 उपग्रह अपने निर्धारित गंतव्य लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचने वाला है। इसके बाद से सूर्य पर अध्ययन पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। तय टारगेट पर पहुंचने से पहले ही यह अपना काम शुरू कर देता है। इस उपग्रह द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए पेलोड को एक-एक करके सक्रिय किया जा रहा है। इसरो द्वारा भेजा गया मुख्य पेलोड हाई-एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) है। यह 10- 150 केवी वाइड रेंज एक्स-रे एनर्जी बैंड में काम करता है।
अब दो और पेलोड सोलर विंड आयन स्पेक्टोमीटर, सुपरथर्मल और एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्टोमीटर भी सक्रिय हो गए हैं। इसरो ने कहा कि सुपरथर्मल और एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर 10 सितंबर से और सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर 2 नवंबर से काम कर रहा है। सोलर विंड आयन स्पेक्टोमीटर में लगे दो सेंसर भी 360 डिग्री घूमते हैं। यह सौर हवा आयनों, मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को पकड़ लेती है। इसरो ने कहा कि इनका विश्लेषण किया गया है। हिस्टोग्राम दिखाता है कि प्रोटॉन (H+), एक अल्फा कण और दोगुना आयनित हीलियम (He2+) में कुछ भिन्नता पाई जाती है।
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) December 2, 2023
The Solar Wind Ion Spectrometer (SWIS), the second instrument in the Aditya Solar wind Particle Experiment (ASPEX) payload is operational.
The histogram illustrates the energy variations in proton and alpha particle counts captured by SWIS over 2-days.… pic.twitter.com/I5BRBgeYY5
यह मिशन क्या है
आदित्य एल-1 भारत का पहला सौर मिशन है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए, आदित्य को पृथ्वी और सूर्य के बीच L-1 लैग्रेंज बिंदु पर रखा जाएगा। यह बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। इस स्थान से आदित्य अंतरिक्ष यान चौबीसों घंटे सूर्य का अध्ययन कर सकेगा। आदित्य को 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद, आदित्य ने पृथ्वी की कक्षा छोड़ दी और एल-1 बिंदु की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी। 29 अक्टूबर को, आदित्य पर उच्च ऊर्जा एल-1 परिक्रमा एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर ने सूर्य की चमक का पता लगाया और रिकॉर्ड किया। इसके बाद एक और डिवाइस सूर्य का अध्ययन करने लगा है।
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