मध्यप्रदेश के बाद इस राज्य में भी संकट, गिर सकती है कांग्रेस की सरकार

मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट गहरा गया है। 6 मंत्रियों समेत 20 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है। मध्यप्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी सरकार जल्द संकट में आ सकती है। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के तेवरों को देखते हुए ज्यादा दिन सरकार चलना संभव नहीं है।
महाराष्ट्र में शिवसेना के 56, कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 विधायकों ने मिलकर गठबंधन की सरकार बनायी है। लेकिन जिस तरह से राजनीतिक हालात बदले हैं उसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी सुरक्षित नहीं है। हालांकि महाराष्ट्र में सरकार को 144 विधायकों की जरुरत होती है। लेकिन शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन के बाद 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन उनमें निर्दलीय विधायकों की संख्या काफी ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक तीनों पार्टियों के पास सिर्फ 154 विधायक हैं। ऐसे में यदि पार्टी के विधायक बगावत कर देते हैं तो निर्दलीय विधायकों के भरोसे भी सरकार नहीं बच पाएगी।
मध्यप्रदेश का भी पड़ेगा असर
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में राजनीतिक हालात बदले हैं उसका असर महाराष्ट्र पर भी पड़ेगा। क्योंकि महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बनवाने में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन अब दोनों नेता आमने सामने हैं। कमलनाथ के लिए खुद सरकार बचाना मुश्किल है। इसके अलावा गुटबाजी का असर भी महाराष्ट्र में सरकार पर पड़ेगा।
उद्धव ठाकरे के तेवर सख्त
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभी सख्त तेवर अपना रखे हैं। जिसके कारण गठबंधन में एनसीपी और कांग्रेस को भी दिक्कत हो रही हैं। जिसमें उद्धव ठाकरे का सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए जाना भी अहम है। इसके अलावा भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। जिसके ऊपर शरद पवार ने नाराजगी भी जतायी थी। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार भी किसी भी वक्त संकट में आ सकती है।
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