अलीगढ़ की मैदा मिल्स कृषि कानूनों के समर्थन में उतरीं, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दीं दलीलें...

अलीगढ़ की मैदा मिल्स कृषि कानूनों के समर्थन में उतरीं, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दीं दलीलें...
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अर्जी में कहा गया है कि देश में करीब 2,000 रोलर फ्लोर मिल्स हैं, जो कच्चे माल के तौर पर गेंहू की बड़ी उपभोक्ता हैं। नए कृषि कानून में खुले बाजार और मंडी से थोक में गेहूं खरीदने की इजाजत दी गई है, जिस कारण इसे लागू किया जाना चाहिए।

केंद्र की ओर से लाए गए तीनों कृषि बिलों के खिलाफ जहां किसानों का धरना लगातार जारी है, वहीं इन कानूनों का समर्थन करने वाले भी पीछे नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट में अब अलीगढ़ की दो मैदा मिलों ने अर्जी दाखिल कर इन कानूनों को लागू करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर केंद्र से जवाब मांगा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलीगढ़ की रामवे फूड्स लिमिटेड और आरसीएस रोलर फ्लोर मिल्स लिमिटेड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। अर्जी में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को तीनों कृषि कानून जल्द लागू करने के निर्देश दिए जाएं।

एडवोकेट डीके गर्ग के माध्यम से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि देश में करीब 2,000 रोलर फ्लोर मिल्स हैं। ये मिल्स बड़े पैमाने पर आटा, मैदा, सूजी का उत्पादन करती हैं। इसके लिए कच्चे माल के तौर पर गेहूं की बड़ी उपभोक्ता हैं। ऐसे में उनके लिए जरूरी है कि गेहूं की सरल उपलब्धता सुनिश्चित हो। नए कृषि कानून में खुले बाजार और मंडी से थोक में गेहूं खरीदने की इजाजत दी गई है, जिस कारण इसे लागू किया जाना चाहिए।

अर्जी में कहा गया है कि ये मिल्स लघु और मध्यम उद्योग की श्रेणी में आती हैं और लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराती हैं। इस कारण कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में मिल्स प्रतिनिधि भी शामिल होने चाहिए। सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है।

बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार मुखर हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने चेतावनी दे रखी है कि जब तक तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस नहीं होते, तब तक घर नहीं जाएंगे। किसान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर भी कानून बना देने की मांग लगातार उठा रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे अक्टूबर तक की योजना बनाकर बैठे हैं। इसके बाद भी सरकार नहीं मानती तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

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