केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- सिंघू बॉर्डर पर इंटरनेट पर रोक और बैरिकेडिंग प्रशासनिक मुद्दा

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि केंद्र प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किसी तरह की अनौपचारिक वार्ता नहीं कर रहा है। कृषि मंत्री ने बॉर्डर पर इंटरनेट पर लगी रोक को प्रशासन का मुद्दा बताया। वहीं उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल के आसपास अवरोधक मजबूत करने का भी फैसल प्रशासन ने ही लिया है। सरकार अगले दौर की वार्ता कब करेगी और क्या वह यूनियनों के साथ अनौपचारिक तौर पर बातचीत कर रही है, यह पूछे जाने पर तोमर ने ना में जवाब दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी यूनियनों ने कहा है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा प्रताड़ना रोके जाने और हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा किए जाने तक सरकार के साथ औपचारिक बात नहीं होगी। इस बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि उन्हें पुलिस आयुक्त से बात करनी चाहिए। मैं कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह मेरा काम नहीं है। किसान नेताओं और केंद्र के बीच 22 जनवरी के बाद से वार्ता नहीं हुई है। वहीं, सरकार ने दोहराया है कि उसका प्रस्ताव अब भी कायम है और वार्ता के द्वार खुले हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एक बयान में कहा था कि वार्ता के लिए उसे कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। एसकेएम ने मंगलवार को कहा कि जब तक किसानों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की प्रताड़ना बंद नहीं होती, सरकार के साथ कोई औपचारिक वार्ता नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव अब भी बरकरार है तथा बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।
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