जोशीमठ के बाद अब अहमदाबाद ने बढ़ाई चिंता, हर साल कई सेंटीमीटर धंस रहा शहर

जोशीमठ के बाद अब अहमदाबाद ने बढ़ाई चिंता, हर साल कई सेंटीमीटर धंस रहा शहर
X
जोशीमठ में भूस्खलन (Joshimath landslide) के बाद प्रशासन ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वही दूसरी ओर अहमदाबाद (Ahmedabad ) के लोगों को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि समुद्र के बढ़ते स्तर और जलवायु परिवर्तन के कारण गुजरात की लगभग 110 किमी की तटरेखा कटाव का सामना कर रही है।

प्रकृति के चक्र में दखल देने के लिए मनुष्य को प्रकृति के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। इसी का नतीजा है उत्तराखंड का जोशीमठ है। यह इलाका इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जोशीमठ में भूस्खलन (Joshimath landslide) के बाद प्रशासन ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। असुरक्षित जोन में बने मकानों को तोडऩे का काम जारी है।

इस बीच,अधिकारियों की एक टीम की जांच रिपोर्ट ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। जिसमें बताया जा रहा है कि जोशीमठ की तरह अब अहमदाबाद (Ahmedabad ) के लोगों को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि समुद्र के बढ़ते स्तर और जलवायु परिवर्तन के कारण गुजरात की लगभग 110 किमी की तटरेखा कटाव का सामना कर रही है।

एक अन्य शोध में कहा गया है कि भूजल की भारी निकासी के कारण अहमदाबाद सालाना 12 से 25 मिमी तक डूब रहा है। शोधकर्ता रतीश रामकृष्णन और अन्य शोधकर्ताओं द्वारा भारतीय तट-गुजरात-दीव और दमन के शोरलाइन चेंज एटलस पर इसरो के अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के 2021 के शोध में पाया गया कि गुजरात का 1052 किमी का तट स्थिर है, 110 किमी का तट कटा हुआ है।

बताया जा रहा है कि समुद्र के बढ़ते स्तर और जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कारण तलछट के जमाव के कारण गुजरात राज्य को 208 हेक्टेयर भूमि प्राप्त होने का अनुमान है, जबकि कटाव के कारण राज्य को 313 हेक्टेयर भूमि का नुकसान हुआ है। क्रुणाल पटेल व अन्य के 42 वर्षों के अवलोकन के एक अन्य शोध में कहा गया है कि कच्छ जिले में अधिकतम तटीय क्षरण हुआ है। राज्य के समुद्र तट का 45.9 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो चुका है। अनुमानित समुद्र स्तर की वृद्धि के कारण गुजरात तट को चार जोखिम वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें 785 किमी उच्च जोखिम स्तर पर है और 934 किमी मध्यम से निम्न जोखिम श्रेणी में है।

Tags

Next Story